वैसे तो एरोबिक एक्सरसाइज (aerobic exercise) करने से मानसिक और भावनात्मक दोनों तरह के लाभ होते है, लेकिन अब वजन उठाना (weight training) भी हमारे दिमाग में चल थी भावनात्मक उथल-पुथल को शांत कर सकती है।
आयरलैंड में यूनिवर्सिटी ऑफ लिमरिक द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में पाया गया कि वजन उठाना (weight training) चिंता (anxiety) और अवसाद (depression) से उत्पन्न निराशा और असहायता की भावनाओं से निपटने में फायदेमंद है और दिमाग को शांत करने में मददगार है।
साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में आठ-सप्ताह के रेजिस्टेंस एक्सरसाइज (resistance exercise) ट्रेनिंग कोर्स में 28 युवा पुरुषों और महिलाओं के चिंता (anxiety) के स्तर में बदलाव की जांच की गयी।
आसान से इस कोर्स में वजन के साथ स्क्वैट्स, लंजस, लिफ्ट्स और क्रंचेस को शामिल किया गया। ज्यादातर प्रतिभागियों को इस तरह की ट्रेनिंग का पहले कोई खास एक्सपीरियंस नहीं था।
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इस सबमे खास बात यह रही की प्रतिभागियों ने अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पहले ही प्रश्नावली भर दी, और किसी ने भी एंग्जाइटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) के मानदंडों (criteria) को पूरा नहीं किया। उन सभी में चिंता के कम प्रारंभिक स्तर दिखे।
आठ सप्ताह के अंत में, हालांकि, एक नियंत्रण समूह जो प्रशिक्षण नहीं कर पाया था, उनका तनाव का स्तर स्थिर रहा, जबकि जो लोग वेट ट्रेनिंग में शामिल थे उन्होंने चिंता से सम्बंधित प्रश्नावली पर लगभग 20 प्रतिशत बेहतर स्कोर प्राप्त किया।
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शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि रेजिस्टेंस एक्सरसाइज रुटीन ने स्वस्थ युवा वयस्कों में चिंता के लक्षणों से छुटकारा दिलाया।
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भले ही तनाव के लिए कोई जादुई इलाज नहीं है लेकिन यह शोध मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को मजबूत करने के लिए लम्बे समय तक इस्तेमाल किये जाने वाला एक रोचक सुझाव देता है।