60 वर्ष से अधिक उम्र के मोटापे (obesity) से पीड़ित रोगी भी केवल जीवनशैली में बदलाव लाकर कम उम्र के लोगों के बराबर वजन घटा (weight loss) सकते है।
हाल ही में हुए एक नए अध्ययन ने ऐसे मिथकों को दूर करने का दावा किया जो बुज़ुर्गों के वजन कम करने की कोशिश से जुड़े हुए थे।
निष्कर्ष एक अस्पताल-आधारित ओबेसिटी सर्विस कार्यक्रम से रोगियों के रिकॉर्ड विश्लेषण पर आधारित थे, जो क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित किए गए।
बुजुर्गों ने घटाया ज्यादा वजन
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शोधकर्ताओं ने अलग-अलग ढंग से 242 रोगियों का चयन किया जिनकी आयु 60 वर्ष से कम और 60 से 78 वर्ष के बीच थी।
कार्यक्रम के तहत उनका एक्सरसाइज और खान-पान में बदलाव से वजन घटाया गया और तुलना उस वजन से की गई जो उन्होंने पहले सर्विस के दौरान घटाया था।
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जब तुलना की गई तो 60 वर्ष और ज्यादा आयु वालों के वजन में 7.3 प्रतिशत और जिनकी आयु 60 वर्ष से कम थी उनके वजन में 6.9 प्रतिशत कमी आई।
60 साल और उससे अधिक आयु वालों ने कार्यक्रम के भीतर औसतन 33.6 महीने और 60 साल से कम उम्र वालों ने 41.5 महीने का समय बिताया।
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अस्पताल-आधारित कार्यक्रम में प्रत्येक रोगी के अनुरूप केवल आहार परिवर्तन, मनोवैज्ञानिक सहायता और शारीरिक गतिविधि को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्यक्रम में आये ज्यादातर मरीज अस्वस्थ मोटे थे जिनका बीएमआई (BMI) अधिक था।
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बुजुर्गों की सेहत भी जरूरी
रिसर्च से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक, मोटापे से जुडी पचास से अधिक समस्याओं को वजन घटा कर कम किया जा सकता है जिसमें मधुमेह, अवसाद, चिंता, ऑस्टियोआर्थराइटिस और अन्य समस्याएं शामिल है।
वजन कम करना किसी भी उम्र में महत्वपूर्ण है। लेकिन जैसे-जैसे हम बूढ़े होते जाते हैं, वजन घटाने की प्रासंगिकता बढ़ती जाती है।
उम्र मोटापे को कम करने के लिए कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। वजन घटाने के कार्यक्रमों में बुजुर्गों के लिए बाधाएं डालने के बजाय, हमें उस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना चाहिए।