Gut microbiota influences weight loss: किसी इंसान के मोटे या पतले होने में उसके पेट के बैक्टीरिया का जबरदस्त प्रभाव होता है, ये कहना है अमेरिका के रिसर्च साइंटिस्ट्स का।
कई अध्ययनों में देखा भी गया है कि सामान्य वजन वालों की अपेक्षा मोटे लोगों की आंत में पाए गए बैक्टीरिया अलग किस्म के थे।
लेकिन इस नई रिसर्च में आंत के बैक्टीरिया में अलग जीन (Genes) भी मिले है, जो वजन घटाने के तौर-तरीकों को प्रभावित करते है।
अधिक जानकारी के लिए, सिएटल के इंस्टीट्यूट फॉर सिस्टम्स बायोलॉजी से जुड़े रिसर्च साइंटिस्ट्स ने 48 ऐसे व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित किया, जिन्होंने 6 से 12 महीने में प्रति माह एक फीसदी से अधिक वजन कम किया।
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दूसरी ओर, ऐसे 57 व्यक्तियों की भी जांच की गई जिनका इसी अवधि में वजन कम नहीं हुआ था।
साइंटिस्ट्स ने सभी के रक्त और मल के नमूनों से बरामद उनकी आनुवंशिक सामग्री की जांच की।
पता चला कि वजन कम नहीं होने वालों की आंत में मौजूद बैक्टीरिया सभी तरह के स्टार्च तोड़ने में कुशल हो गए थे।
एक और महत्वपूर्ण खोज यह थी कि अधिक वजन कम करने वालों के अच्छे बैक्टीरिया को तेजी से विकसित करने वाले जीन में वृद्धि हो गई थी।
साइंटिस्ट्स के मुताबिक, वजन घटाने के उपायों की सफलता या असफलता के पीछे आंतों के बैक्टीरिया की महत्वपूर्ण भूमिका है।
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ऐसे में यदि वजन घटाने के इच्छुक अपना आहार बदलते है तो उनकी आंत में रहने वाले बैक्टीरिया की किस्में भी बदल सकती है, जिससे उन्हें फायदा होगा।
निष्कर्ष अमेरिकन सोसाइटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी की पत्रिका एमसिस्टम्स में प्रकाशित किए गए थे।
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