अब आप पानी (water) पीकर मोटापे (obesity) और डायबिटीज (diabetes) से छुटकारा पा सकते है।
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने मोटापे और डायबिटीज से जुड़े एक हार्मोन का पता लगाया है जिसका संबंध फलों के जूस से मिलने वाली चीनी से जुड़ा है।
चूहों पर किए एक शोध से उन्हें पता चला कि पानी इस हार्मोन को कम कर सकता है।
अध्ययन के प्रमुख लेखक मिगुएल ए लेंसपा ये मानते है कि इससे अन्य अनुसंधानों को ये जानने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है कि क्या पानी के सेवन में साधारण वृद्धि से मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम (metabolic syndrome) को कम किया जा सकता है?
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शोधकर्ता यह समझना चाहते थे कि शरीर के जल स्तर को बनाए रखने वाला हॉर्मोन वेसोप्रेसिन (vasopressin) मोटापे और मधुमेह (diabetes) वाले लोगों में ऊंचा क्यों हो जाता है।
उन्होंने चूहों को फलों के रस से बनी चीनी का पानी पिलाया और पाया कि इसने मस्तिष्क को वेसोप्रेसिन बनाने के लिए प्रेरित किया।
बदले में वेसोप्रेसिन ने पानी को फैट के रूप में संग्रहित किया, जिससे शरीर में पानी की कमी हुई और मोटापा शुरू हो गया। लेकिन बिना चीनी वाले पानी के साथ चूहों का इलाज करने से मोटापा कम हो गया।
लेंसपा के अनुसार, यह पहली बार है कि वैज्ञानिकों ने दिखाया कैसे वेसोप्रेसिन शरीर में मोटापे और मधुमेह (diabetes) पैदा करने के लिए चीनी से प्रभावित होता है। इससे यह भी पता चलता है कि पानी वैसोप्रेसिन को दबा सकता है और मोटापे को रोककर इलाज भी कर सकता है।
शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया कि शरीर में पानी की कमी फैट बनने को प्रोत्साहित कर सकती है।
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शायद इसलिए रेगिस्तान स्तनधारियों में वैसोप्रेसिन इतना अधिक होता है, क्योंकि उन्हें पानी मुश्किल से मिलता है। वैसोप्रेसिन शरीर में पानी को वसा (fat) के रूप में जमा करके इसका संरक्षण करता है।
यह तथ्य उन टिप्पणियों के साथ फिट बैठता है जो बताती है कि मोटे लोगों में अक्सर पानी की कमी के लक्षण दिखते है।
यह भी कि क्यों ज्यादा नमक का आहार मोटापे और मधुमेह का कारण हो सकता है।
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शोधकर्ताओं ने पाया कि जल चिकित्सा मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जुडी बीमारियों के खिलाफ प्रभावी रूप से सुरक्षित है।
इसमें हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर और हाई ट्राइग्लिसराइड लेवल (हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम) प्रमुख है।
वैज्ञानिक मानते है कि वैसोप्रेसिन को रोकने का सबसे अच्छा तरीका पानी पीना है। वो उम्मीद करते है कि यही हमारे जीवन को बेहतर बनाने का एक सस्ता और आसान तरीका और मेटाबॉलिक सिंड्रोम का आसान इलाज हो सकता है।
आखिर में शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे:
वेसोप्रेसिन की सक्रियता से चीनी मेटाबॉलिक सिंड्रोम पैदा करती है।
वेसोप्रेसिन वसा उत्पादन को मेटाबॉलिक पानी के भंडारण के लिए इस्तेमाल करता है।
मोटापे और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के उपचार में ज्यादा पानी और कम नमक लेने पर विचार किया जाना चाहिए।