आज जब दुनिया के सभी देश जलवायु परिवर्तन कम करने के उपाय ढूंढ रहे है, ऐसे में आम जनता भी इस विकराल होती समस्या से निपटने में मदद कर सकती है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविधालय और इम्पीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में जलवायु संकट से निपटने में किसी देश की जनता कैसे मदद कर सकती है, यह बताया है।
अध्ययन में कहा गया है कि हफ्ते में सिर्फ एक दिन कार की बजाए पैदल चलने या साइकिल चलाने से ही व्यक्तिगत रूप से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को रोका जा सकता है।
मोटर चालित परिवहन को कम करना जरूरी
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ग्लोबल एनवायर्नमेंटल चेंज नामक पत्रिका में प्रकाशित यह शहरों की जीवनशैली में परिवर्तन से कार्बन कम करने वाला पहला अध्ययन है।
टीम ने पाया कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी के लिए मोटर चालित परिवहन को कम करना जरूरी है। इसके लिए पैदल चलने या साइकिल चलाने से ही कार्बन फुटप्रिंट्स में काफी कमी आएगी।
अनुसंधान में सात यूरोपीय शहरों के लगभग 2,000 लोगों के घर, काम, यात्रा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट इत्यादि को स्टडी किया गया।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग दिन में सिर्फ एक बार कार ड्राइविंग छोड़कर और साइकिल चलाकर यात्रा करते है, वे अपने कार्बन फुटप्रिंट को एक वर्ष में लगभग 0.5 टन कम कर देते है।
अगर सिर्फ 10% आबादी भी अपनी यात्रा करने का तरीका बदले तो कारों की यात्रा से निकलने वाली CO2 उत्सर्जन में लगभग 4% बचत होगी।
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इन परिणामों से यह भी पता चला कि पहले से ही साइकिल चलाने वाले, गैर-साइकिल चालकों की तुलना में, सभी दैनिक यात्रा से 84% कम CO2 उत्सर्जन करते थे।
खोजकर्ता कहते है कि जलवायु संकट के लिए अधिक पेड़ लगाना या इलेक्ट्रिक वाहनों का ज्यादा इस्तेमाल भी प्रभावी है।
साइकिल चलाने से स्वास्थ्य में सुधार
शहरों में कार की बजाए पैदल या साइकिल की आदत डालना जलवायु परिवर्तन के लिए वाकई एक विशेष प्रयास है।
यह न केवल जलवायु के लिए, बल्कि सामाजिक विषमताओं को कम करने और COVID-19 के बाद की दुनिया में सार्वजनिक स्वास्थ्य और शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी अच्छा होगा।
साइकिल चलाने से जलवायु के साथ-साथ शहरी निवासियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा, खासकर बढ़ते मोटापे जैसी समस्या से निपटने में।
लेकिन पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों की यात्रा को बेहतर बनाने के लिए दुनिया भर के शहरों में उच्च-गुणवत्ता के बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने और इससे संबंधित नीतियों को शामिल करने की आवश्यकता होगी।