रोजाना अधिक चलकर कैंसर पेशेंट रही महिलाएं दिल की बीमारी से होने वाली मौत का खतरा घटा सकती है।
यह जानकारी अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक सम्मेलन में प्रस्तुत नई रिसर्च ने दी है।
कई वैज्ञानिकों की साझा रिसर्च ने कैंसर पीड़ित रजोनिवृत्त महिलाओं द्वारा रोजाना ज्यादा कदम (Steps) चलने और एक्सरसाइज से दिल के रोगों से होने वाली मौत का खतरा काफी कम पाया है।
रिसर्च में घरेलू काम, सैर करने, तेज चलने, दौड़ने, साइकिल चलाने, टेनिस खेलना और भारी बागवानी जैसी शारीरिक गतिविधियों का कई कैंसर पर असर देखा गया था।
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इससे पहले हुई स्टडीज ने कैंसर से ठीक हुए लोगों में दिल के रोग से मौत का जोखिम अधिक बताया था।
हालांकि, एक्सरसाइज थेरेपी से कैंसर उपचार के दौरान दिल पर पड़े दुष्प्रभावों में कमी भी जानी गई थी।
और सबूत जुटाने के लिए वैज्ञानिक टीम ने 63 से 99 वर्षीय लगभग 2,500 रजोनिवृत्त महिलाओं की आठ वर्ष तक ख़ैर-ख़बर ली थी।
गहन छानबीन के बाद प्रतिदिन अधिक कदम चलने सहित मध्यम से जोरदार एक्सरसाइज से उनके मौत के खतरे में काफ़ी कमी मिली।
सबसे ज़्यादा फ़ायदा प्रतिदिन 5,000 से 6,000 कदम चलने वाली महिलाओं को पाया गया।
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उतने कदम चलने से उन्हें सभी कारणों से होने वाली मौत का खतरा 40% कम हो गया था।
प्रतिदिन प्रत्येक अतिरिक्त 2,500 कदम चलने से दिल के रोगों से होने वाली मृत्यु के जोखिम में 34% की कमी थी।
रोजाना कम से कम एक घंटा मध्यम से ज़ोरदार एक्सरसाइज करने वालों को सबसे ज़्यादा फ़ायदा देखा गया।
इससे उन्हें सभी कारणों और हृदय रोग से होने वाली मृत्यु का जोखिम क्रमश: 40% व 60% कम हुआ था।
यही नहीं, रोजाना एक घंटे से भी कम समय तक बैठने पर भी मौत के जोखिम में उल्लेखनीय कमी देखी गई।
रोजाना लगभग हर एक घंटा बैठने से मौत का जोखिम 12% और दिल के रोग से होने वाली मौत का जोखिम 30% बढ़ता मिला।
किसी भी बीमारी से होने वाली मौत के खतरे में प्रतिदिन 5,000 से थोड़ा कम कदम चलने पर भी स्पष्ट कमी मिली।
वैज्ञानिकों के अनुसार, कदम गिनने को लोगों आसानी से या स्मार्टवॉच की मदद से समझ और रिकॉर्ड कर सकते है।
नए नतीजे इस बात पर भी प्रकाश डालते हैं कि चलने वाली कसरत हर कोई आसानी से कर सकता है।
रिसर्च से इस बात के प्रमाणों में भी वृद्धि हुई हैं कि लंबे समय तक बैठे रहना सेहत के लिए जानलेवा है।
किसी भी तरह की बीमारी से बचने के लिए हमें घंटों बैठे रहने की बजाए थोड़ी देर में उठकर चलना चाहिए।
अधिक जानकारी EPI|Lifestyle Scientific Sessions 2025 से प्राप्त की जा सकती है
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