Walking exercise for brain health: रोज़मर्रा के जीवन में हम अक्सर कई बातें भूल जाते है।
कभी-कभार ऐसा होना आम है लेकिन रोज़ाना भूलना मानसिक क्षमता में कमी से जुड़ा है।
ग़ौरतलब है कि एक्सरसाइज से मानसिक क्षमता की गिरावट धीमी होने का अनुमान है।
इसके अलावा, मानसिक विकारों खासकर अल्जाइमर रोग की शुरुआत में भी देरी जानी गई है।
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इस बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ़ मैरीलैंड की एक नई स्टडी ने कुछ अहम जानकारी दी है।
स्टडी ने चलने से मस्तिष्क के तीन नेटवर्कों के भीतर और आपसी कनेक्शन में मजबूती पाई है।
इससे एक्सरसाइज द्वारा मस्तिष्क स्वास्थ्य दुरुस्त कर रोगों से बचाव का अनुमान है।
स्टडी में विशेषज्ञों ने सामान्य और कमज़ोर मानसिक कौशल वाले वृद्धों की जांच की थी।
उनकी याददाश्त, तर्क शक्ति और निर्णय क्षमता के आधार पर अल्जाइमर रोग की संभावना जानी गई।
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71 से 85 वर्ष के 33 बुजुर्गों ने 12 सप्ताह तक हफ्ते में चार दिन ट्रेडमिल पर चलने की एक्सरसाइज की।
उनके दिमाग की जाँच से सोचने, समझने, याद रखने और निर्णय लेने जैसी क्षमताओं को परखा गया।
12 सप्ताह के बाद, विशेषज्ञों ने एक्सरसाइज करने वालों की याददाश्त में महत्वपूर्ण सुधार देखा।
उनकी मस्तिष्क गतिविधि में अधिक तालमेल और नेटवर्कों के बीच कनेक्शन मजबूत था।
विशेषज्ञों की राय में, एक्सरसाइज से मस्तिष्क क्षमता को बदलना और अनुकूलित बनाना संभव है।
विशेषकर उम्र सबंधित हल्की मानसिक गिरावट को एक्सरसाइज द्वारा सुधारा जा सकता है।
बढ़ती उम्र में सोचने और चीजों को याद रखने की क्षमता सुधारने में एक्सरसाइज लाभकारी है।
लंबे समय तक एक्सरसाइज करते रहने से अल्जाइमर /डिमेंशिया के विकास में देरी भी हो सकती है।
यह स्टडी जर्नल फॉर अल्जाइमर डिजीज रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुई थी।
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