पैदल चलना (Walking) एक लाभकारी एक्सरसाइज (Exercise) है जो किसी भी उम्र में की जा सकती है।
कई स्टडीज़ ने पैदल चलने से शारीरिक और मानसिक विकारों में कमी भी बताई है।
एक नई स्टडी ने पैदल चलने से अस्पताल में भर्ती वृद्ध रोगियों (Hospitalised older patients) का स्वास्थ्य भी बेहतर पाया है।
स्टडी के अनुसार, पैदल चलने से वृद्ध रोगियों में बेड रेस्ट (Bed rest) से हुए शारीरिक दुष्प्रभाव कम हो सकते है।
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इसके लिए उन्हें प्रतिदिन 25 से 50 मिनट धीमी गति से चलने की आवश्यकता है।
देखा गया है कि सारा दिन बिस्तर पर पड़े रहने से वृद्ध मरीज़ और भी कमज़ोर हो जाते है।
शारीरिक सक्रियता ने रहने से उन्हें फ्रैक्चर, बीमारी, अस्पताल में दोबारा भर्ती या मौत का भी डर होता है।
लेकिन ऐसे वृद्ध रोगियों पर बेड रेस्ट के हानिकारक शारीरिक प्रभाव चलने-फिरने से दूर हो सकते है।
इस बारे में अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में बताया है।
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उन्होंने 50 से अधिक उम्र के 3783 पुरुषों-महिलाओं पर हुए 19 क्लिनिकल ट्रायल का विश्लेषण किया था।
गंभीर बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती उन लोगों को क्षमतानुसार किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज करनी थी।
बेड रेस्ट के दुष्प्रभावों और कार्यात्मक क्षमता में सुधार के लिए 25 से 40 मिनट की हल्की एक्सरसाइज प्रभावी पाई गई।
शारीरिक कमज़ोरी दूर करने में केवल पैदल चलने की एक्सरसाइज ही 80% से अधिक प्रभावी जानी गई।
इसकी इष्टतम प्रभावी खुराक प्रतिदिन लगभग 50 मिनट और न्यूनतम 25 मिनट तक पाई गई।
इतने समय धीमी गति से चलने वाले वृद्ध मरीज़ों को सामान्य देखभाल वालों की तुलना में ज़्यादा स्वस्थ पाया गया।
नतीजों की मानें तो अस्पताल में भर्ती बुजुर्गों के लिए बिस्तर पर आराम कम और एक्टिव रहना ज़्यादा स्वास्थ्यवर्धक है।