एक्सरसाइज करने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है, लेकिन कड़ी एक्सरसाइज (Vigorous exercise) नुकसान भी पहुंचा सकती है।
इसी सावधानी पर ध्यान दिलाने वाली एक स्टडी ने जोरदार फिजिकल एक्टिविटी को नर्वस सिस्टम (Nervous system) की एक बीमारी करने वाला बताया है।
जर्मन वैज्ञानिकों की स्टडी के अनुसार, एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (Amyotrophic Lateral Sclerosis – ALS) नामक यह बीमारी मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी नसों को नुकसान पहुंचाती, जिससे इंसान मांसपेशियों पर नियंत्रण खो बैठता है। नतीजन, लकवा और मौत होने का खतरा बढ़ जाता है।
स्टडी से यह भी पता चला है कि इस बीमारी के लक्षण दिखने के सालों पहले ही शुरू हो चुके होते है।
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हालांकि, अच्छी खबर यह है कि पैदल चलने, जॉगिग करने और साइकिल चलाने जैसी एक्सरसाइज से एएलएस (ALS) बीमारी का खतरा नहीं होता। लेकिन किसानों, फैक्ट्री वर्कर और कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े मजदूरों को अत्यधिक परिश्रम करने से जोखिम हो सकता है।
यह जोखिम काम पर एक ही तरह की गतिविधियों को दोहराने अथवा केमिकल्स और प्रदूषण के संपर्क से मुमकिन है।
इन नतीजों तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने एएलएस से ग्रस्त 393 लोगों की जांच की। उनके काम-धंधे, टाइमिंग, अवकाश और शारीरिक गतिविधि की जानकारी को बिना एएलएस वाले 791 स्वस्थ इंसानों से मिलाकर देखा गया।
वैज्ञानिकों ने पाया कि एएलएस वाले लोगों में लक्षण दिखने के पांच वर्षों में फिजिकल एक्टिविटी तेजी से कम हुई।
यही नहीं, जाना गया कि काम पर थका देने वाली गतिविधियां एएलएस के विकास में लगभग दोगुने खतरे से जुड़ी हुई थी। हालांकि, हल्की शारीरिक गतिविधि से संबंधित काम वालों को कोई खतरा नहीं था।
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ऐसे में वैज्ञानिकों का सुझाव था कि मध्यम दर्जे की एक्सरसाइज या शारीरिक गतिविधि नर्वस सिस्टम के लिए बेहतर है।
अध्ययन न्यूरोलॉजी के ऑनलाइन अंक में प्रकाशित हुआ है।