उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) वाले लोगों के लिए स्ट्रेचिंग (stretching) ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए तेज चलने से बेहतर है।
जर्नल ऑफ फिजिकल एक्टिविटी एंड हेल्थ में छपे इस अध्ययन के निष्कर्ष दिखाते है कि हाइपरटेंशन से ग्रस्त मनुष्यों के लिए स्ट्रेचिंग उनके इलाज का हिस्सा जरूर होनी चाहिए।
गौरतलब है कि हाइपरटेंशन हृदय रोग के खतरे को बढ़ाने वाला प्रमुख जोखिम कारक है।
कनाडा की सस्कैचवन यूनिवर्सिटी के खोजकर्ताओं के अनुसार, हर कोई सोचता है कि स्ट्रेचिंग यानि शरीर के अंगों को खींचना। लेकिन जब आप अपने मसल को खींचते है तो आप सभी ब्लड वेसल्स को भी खींच रहे होते है।
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यही ब्लड वेसल्स आपके मसल्स को फ़ीड करती हैं, जिसमें सभी आर्टरीज भी शामिल है।
यदि आप अपनी आर्टरीज की कठोरता को कम करते है, तो इससे रक्त का प्रवाह आराम से चलता रहता है।
स्टडी में पाया प्रभावी
इस स्टडी के लिए 40 पुरुषों और महिलाओ को शामिल किया गया जिनकी उम्र 61 साल थी। इन सभी को आठ सप्ताह के लिए दो समूहों में बांट दिया गया।
एक समूह ने हफ्ते के पांच दिन 30 मिनट तक पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग की और दूसरे समूह ने उतनी ही समय के लिए तेजी से वॉक किया।
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अध्ययन से पहले और बाद में वैज्ञानिकों ने पोर्टेबल मॉनिटर का उपयोग करके प्रतिभागियों के रक्तचाप को मापा।
उन्होंने पाया कि स्ट्रेचिंग वाले समूह के ब्लड प्रेशर में बड़ी कमी आई। लेकिन तेज चलने वालों ने आठ सप्ताह के इस अध्ययन में अपनी कमर से ज्यादा फैट को घटाया।
शोध की मुख्य बातें:
- शोधकर्ताओं की सलाह है कि हाइपरटेंशन को कम करने के लिए लोग सैर करें लेकिन स्ट्रेचिंग को भी आजमाए।
- सभी तरह की एरोबिक एक्टिविटी फैट, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर को कम करने में फायदेमंद है।
- जरूरी नहीं कि स्ट्रेचिंग 30 मिनट तक ही की जाए बल्कि कम समय के लिए भी लेकिन हर रोज इसे करना हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए अच्छा है।
- योग करने से भी रक्तचाप में समान कमी आती है।
- स्ट्रेचिंग को दिनचर्या में शामिल करना बहुत आसान है।
- इसके लिए मौसम, जगह, समय या किसी मशीन की जरूरत नहीं।
- यह आपके जोड़ों के लिए भी आरामदायक है और हर उम्र के इंसान इसे कभी भी कर सकते है. ALSO READ: सेहत चाहते हैं तो आज से ही ले ऐसी डाइट