Cardiorespiratory fitness for Kidney: किडनी को रोगमुक्त रखने के लिए हाई कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस का होना बहुत ज़रूरी है, ये बताया है एक नई स्टडी ने।
स्टडी में, दिल और फेफड़ों से जुड़ी कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस में सुधार से क्रोनिक किडनी डिजीज (Chronic kidney disease) का कम खतरा पाया गया है।
जेरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में, लीसेस्टर, ईस्टर्न फिनलैंड, स्टैनफोर्ड और ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य शोधकर्ता शामिल थे।
स्टडी की शुरुआत में स्वस्थ किडनी फंक्शन के 42 से 61 वर्षीय 2,099 पुरुष शामिल किए गए थे।
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11 साल बाद फिर से उनकी कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस का स्तर दर्ज किया गया।
26 वर्षों की छानबीन के दौरान, उनमें से 197 पुरुषों को क्रोनिक किडनी की समस्या से पीड़ित पाया गया।
लेकिन कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस के बढ़े हुए स्तर वालों में क्रोनिक किडनी डिजीज का जोखिम कम देखा गया।
इसके अलावा, वर्तमान स्टडी सहित 32,447 इंसानों और 4,043 मामलों से जुड़े एक बड़े-विश्लेषण की भी जांच की गई।
उसमें भी हाई कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस स्तरों और कम क्रोनिक किडनी डिजीज जोखिम के बीच मजबूत संबंध पाए गए।
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टीम ने गंभीर किडनी रोग जोखिम पर कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस के सुरक्षात्मक प्रभाव शारीरिक गतिविधि और एक्सरसाइज से संभव बताए।
कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस सुधरने से शरीर की मांसपेशियों को अधिक ऑक्सीजन मिलती है।
ज़्यादा चलने-फिरने से कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, इंसुलिन और डायबिटीज में सुधार होता है। नतीजन, किडनी रोग का ख़तरा कम रहता है।
क्षमतानुसार एक्टिव रहने से किडनी सही काम करती है और रोगजनक सूजन से बचा जा सकता है।
नतीजों को देखते हुए टीम ने कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस बढ़ाने या बनाए रखने के लिए नियमित एरोबिक एक्सरसाइज की सलाह दी है।