लड़कियों की बीएमआई (Body Mass index -BMI) में भारत नीचे से तीसरे नंबर पर है और लड़कों के मामले में नीचे से पांचवे नंबर पर है।
द लांसेट पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 200 देशों में किए गए सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि 19 वर्षीय लड़कियों और लड़कों के ‘बॉडी मास इंडेक्स’ (Body Mass index -BMI) में भारत क्रमशः नीचे से तीसरे और पाँचवें स्थान पर है।
बीएमआई (BMI) या ‘बॉडी मास इंडेक्स’ की गणना किसी व्यक्ति की ऊँचाई और वज़न के आधार पर की जाती है। इसके लिये व्यक्ति के वज़न को किग्रा. में, ऊँचाई मीटर में माप कर विभाजित किया जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सामान्य बीएमआई 18.5 से 24.9 के बीच रहता है। यदि बीएमआई 25 या अधिक हो तो उसे अधिक वज़न (Overweight) के रूप में और यह 30 या उससे अधिक हो तो मोटापे (Obesity) के रूप में जाना जाता है।
- Advertisement -
भारत में 19 वर्षीय लड़कों का बीएमआई 20.1 है। भारतीय लड़कियों के लिये भी औसत बीएमआई लड़कों के समान 20.1 है। भारत में 19 वर्षीय लड़कों की औसत ऊँचाई 166.5 सेमी. है, वहीं यह लड़कियों के लिये 155.2 सेमी. है। भारत में औसत बीएमआई जहाँ ‘कुक आइलैंड्स’ (29.6 ) की तुलना में बहुत कम है, वहीं यह इथियोपिया (19.2) से कुछ ही अधिक है।
कम बीएमआई के कारण
भारत जैसे विकासशील देशों में जहाँ एक तरफ अतिपोषण की स्थिति पाई जाती है, वहीं दूसरी ओर कुपोषण की समस्या भी देखने को मिलती है। हालाँकि भारत में विकसित देशों की तुलना में मोटापे तथा अधिक वज़न की समस्या कम देखने को मिलती है। इसके अनेक कारण हो सकते हैं जैसे- एपीजेनेटिक (बिना गुणसूत्रों में परिवर्तन के आनुवंशिकी में बदलाव), डाइटरी इनटेक में बदलाव, पारिवारिक पृष्ठभूमि, मानसिकता, पैतृक व्यवस्था, शिक्षा प्रणाली, व्यवसाय, आय का स्तर आदि।
अधिक वज़न और मोटापा से बचें
बच्चों और किशोरों में अधिक वज़न और मोटापे की वृद्धि को रोकने के लिये भारत में नियमित आहार प्रदान करने और पोषण आधारित सर्वेक्षण किये जाने की आवश्यकता है। अधिक वज़न और मोटापा आगे जाकर इंसुलिन प्रतिरोध, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, सीवीडी (Cardiovascular Disease -CVD) स्ट्रोक और कुछ कैंसर जैसे कई मेटाबॉलिज्म (metabolism) विकारों में वृद्धि का कारण बनता है। इन जोखिमयुक्त कारकों में बढ़ोतरी होने पर स्वास्थ्य स्थिति के संदर्भ में गंभीरता से विचार किये जाने की आवश्यकता है, ताकि समय रहते समस्या का समाधान किया जा सके।