Low-intensity exercise for Sarcopenia: उम्र बढ़ने पर हमारे शरीर की मासपेशियां (Muscles) सिकुड़ कर कमज़ोर हो जाती है।
चिकित्सा की भाषा में इस स्थिति को सरकोपेनिया (Sarcopenia) कहा जाता है।
इसमें मासपेशियों की ताक़त सहित शरीर का मेटाबॉल्ज़िम भी गिरने लगता है।
लेकिन हल्की एक्सरसाइज (Low-intensity exercise) करने से भी सार्कोपेनिया का ख़तरा कम हो सकता है।
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ये जानकारी दी है स्वीडन की ऑरेब्रो यूनिवर्सिटी की एक स्टडी ने।
स्टडी में धीमी गति से चलना और हल्की बागवानी भी बुजुर्गों में सरकोपेनिया का जोखिम घटाती मिली है।
रोज़ाना ऐसी कम ताक़त वाली एक्सरसाइज 10 मिनट करना भी मांसपेशियों के लिए अच्छा बताया गया है।
स्टडी की सलाह है कि बढ़ती उम्र के लोगों को ऐसी छोटी-मोटी लेकिन हल्की एक्सरसाइज करते रहनी चाहिए।
गौरतलब है कि सरकोपेनिया से कमज़ोरी आने पर बुजुर्गों में गिरने का खतरा बढ़ जाता है। इससे जीवन की गुणवत्ता कम होती है।
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स्टडी में, 65 से 70 वर्ष के 235 बुजुर्गों ने प्रतिदिन 10 मिनट खाली बैठने की अपेक्षा कम तीव्रता वाली एरोबिक एक्सरसाइज की थी।
साथ ही, सप्ताह में कम से कम दो बार मांसपेशियों को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज से भी सरकोपेनिया का विकास धीमा होता मिला।
ऐसी एक्सरसाइज में रेजिस्टेंस बैंड और शरीर के वज़न के अलावा योगाभ्यास भी लाभकारी हो सकता है।
स्टडी से जुड़े एक्सपर्ट ने 50 और 65 के बीच वालों को क्षमतानुसार नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की सलाह दी है।
ऐसा करते रहने से बाद के जीवन में मांसपेशियों की ताक़त और एरोबिक फिटनेस बनी रह सकती है।
सरकोपेनिया रोकथाम के लिए बुजुर्गों को एक हफ्ते में ढाई से पांच घंटे एक्सरसाइज को ज़रूर देने चाहिए।