Resistance training for Alzheimer: रेजिस्टेंस ट्रेनिंग से अल्जाइमर रोग की रोकथाम और लक्षणों में देरी संभव है।
यह नई जानकारी दी है ब्राजील रिसर्चर्स ने जिन्होंने अल्जाइमर रोगियों के लिए रेजिस्टेंस ट्रेनिंग एक सरल व किफायती उपचार पाया है।
इस बारे में फ़ेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साओ पाउलो और यूनिवर्सिटी ऑफ़ साओ पाउलो के रिसर्चर्स ने फ्रंटियर्स इन न्यूरोसाइंस में बताया है।
बता दें कि अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी जो याददाश्त और अन्य महत्वपूर्ण मानसिक कार्यों को नष्ट कर देती है।
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अभी तक की अधिकांश स्टडीज़ ने बुजुर्गों और अल्जाइमर रोगियों के लिए एरोबिक एक्सरसाइज को लाभकारी पाया है।
हालाँकि, रेजिस्टेंस एक्सरसाइज से हड्डियों, मांसपेशियों सहित संपूर्ण शरीर की संरचना व कार्य क्षमता में सुधार होता है।
रेजिस्टेंस ट्रेनिंग में शरीर के वज़न, रेजिस्टेंस बैंड, डंबल या मशीन द्वारा शरीर को ताकतवर बनाया जाता है।
इस एक्सरसाइज के न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभावों का निरीक्षण करने के लिए रिसर्च टीम ने चूहों का सहारा लिया है।
उन्होंने ऐसे चूहों को चुना जिनके मस्तिष्क में अल्जाइमर रोग करने वाला बीटा-एमिलॉइड प्लाक बनने लगा था।
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यह विषैला प्रोटीन नर्वस सिस्टम में जमा होकर सिनैप्टिक कनेक्शन ख़राब करता है और न्यूरॉन्स को नुकसान पहुँचाता है।
ट्रेनिंग के 4-सप्ताह बाद, चूहों के ब्लड सैंपल की जाँच से उनके मस्तिष्क में बीटा-एमिलॉइड गठन कम होता दिखाई पड़ा।
यही नहीं, रेजिस्टेंस ट्रेनिंग करवाए गए चूहों में डिमेंशिया संबंधित बेचैनी और अन्य लक्षणों में भी कमी जानी गई।
टीम के अनुसार, इस सकारात्मक प्रभावशीलता का मुख्य संभावित कारण एक्सरसाइज का एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण है।
इससे अमाइलॉइड और सूजन में कमी सहित याददाश्त और अन्य मानसिक सुधारों को भी बढ़ावा मिलता है।
यह स्थिति मस्तिष्क के कॉर्टेक्स और हिप्पोकैम्पस हिस्सों को अल्जाइमर रोग के दुष्प्रभावों से बचाती है।