हाल ही में हुए एक अध्ययन में, विशेषज्ञों ने कसरत (exercise) करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार लाने की बात कही है।
साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल ने जापान की सुकुबा यूनिवर्सिटी के हवाले से खुलासा किया है कि कसरत से नींद की गुणवत्ता (sleep quality) को प्रभावित किए बिना इससे जुड़ी विभिन्न अवस्थाओं में सुधार लाना संभव है।
नियमित कसरत नींद आने में लगने वाले समय को छोटा करके और गहरी नींद के दौरान मस्तिष्क की तरंगों को बढ़ाकर सुखद गहरी नींद लाने में सहायक है।
वास्तव में यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ यह देखना चाहते थे कि कसरत नींद की गुणवत्ता और भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने की प्रक्रिया (metabolic state) में सुधार करती है या नहीं।
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ऐसा करने के लिए, उन्होंने स्वस्थ युवा पुरुषों से 60 मिनट की कड़ी कसरत करवाई और इससे गहरी नींद पर होने वाले प्रभावों की प्रयोगशाला में जांच की।
विशेषज्ञ परीक्षण से मिले परिणामों से हैरान हुए क्योंकि भाग लेने वालों को कसरत से न केवल अच्छी नींद आई, बल्कि आराम से सोने पर कोई बुरा असर भी नहीं पड़ा।
क्योंकि भाग लेने वाले युवा सख्त कसरत के आदी नहीं थे, इसलिए विशेषज्ञों ने इसके पीछे कड़ी कसरत से पैदा हुए तनाव और मांसपेशियों के दर्द में वृद्धि को कारण माना।
हालांकि, उनकी सलाह थी कि अच्छी नींद के लिए कभी-कभार की जाने वाली जोरदार कसरत की अपेक्षा नियमित रूप से मध्यम दर्जे की कसरत करना अधिक फायदेमंद हो सकती है।
हर रोज कड़ी कसरत करने वाले अपनी नींद की गुणवत्ता में कमी का अनुभव कर सकते है।
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अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि कसरत करने से नींद की प्रक्रिया वास्तव में बेहतर हो सकती है और इसे विभिन्न नींद विकारों (sleep disorders) के लिए नई उपचार पद्धतियों में शामिल भी किया जा सकता है।
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