एडिपोस टिशू (adipose tissue) भोजन की कमी के समय एनर्जी के एक साधारण भंडार ही नहीं है, बल्कि यह मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण योगदान भी देते है।
एडिपोस टिशू विभिन्न अणुओं को रक्तप्रवाह में छोड़ देते है, जिनमे लिवर, पैनक्रियाज और मांसपेशियों सहित जीव के विभिन्न भागों में प्रमुख जीनों की अभिव्यक्ति को संशोधित करने वाले माइक्रोआरएनए (microRNAs) भी शामिल हैं।
अनुसंधान से पता चला है कि उम्र बढ़ना और मोटापा (obesity) एडिपोस टिशू द्वारा इन नियामक microRNAs के उत्पादन को प्रभावित कर सकते है, जिससे डायबिटीज और डिस्लिपिडेमिया (रक्त में असामान्य रूप से बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल या वसा) जैसे रोगों का विकास हो सकता है।
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (Proceedings of the National Academy of Sciences – PNAS) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अच्छी खबर ये है कि नियमित एरोबिक एक्सरसाइज का अभ्यास करके उम्र बढ़ने पर शरीर के ढलने की प्रक्रिया को उलटा किया जा सकता है।
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ब्राजील के साओ पॉलो यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन से मिले परिणामों ने एरोबिक व्यायाम के दौरान मांसपेशियों और एडिपोस टिशू के बीच खून में मौजूद अणुओं के माध्यम से संचार की घटना को दिखाया है।
सूचनाओं का यह आदान-प्रदान एडिपोस कोशिकाओं द्वारा की जाने वाली ऊर्जा की खपत को अधिक कुशल बनाता है, जिससे मेटाबॉलिज्म को व्यायाम के अनुकूल बनाने और मांसपेशियों के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
एरोबिक व्यायाम (aerobic exercise) से चूहों के प्रदर्शन में सुधार
प्रयोगशाला में इस घटना को देखने के लिए चूहों को आठ सप्ताह तक 60-मिनट के लिए ट्रेडमिल पर दौड़ाया गया। जैसे-जैसे वे चुस्त बनते गए, ट्रेडमिल की गति और झुकाव बढ़ता गया।
अंत में, वैज्ञानिकों ने चूहों के प्रदर्शन में सुधार के अलावा, एडिपोस सेल्स के डीआईसीईआर (DICER) एंजाइम लेवल में एक महत्वपूर्ण वृद्धि देखी, जो शरीर के वजन और विसेरल फैट में कमी के साथ थी।
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जब उन्होंने एडिपोस सेल्स में बिना डीआईसीईआर एंजाइम दिखाने वाले जेनेटिकली मॉडिफाइड चूहों संग इस प्रयोग को दोहराया तो उन्होंने पाया कि एरोबिक व्यायाम के लाभकारी प्रभाव बहुत छोटे थे।
शोधकर्ताओं ने देखा कि जानवरों ने न तो अपना वजन कम किया और न ही आंतों की चर्बी कम हुई और उनकी फिटनेस में भी सुधार नहीं हुआ।
मनुष्यों में भी छह सप्ताह की हाई इंटेसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) एडिपोस टिशू में डीआईसीईआर एंजाइम की मात्रा को पांच गुना बढ़ाने में पर्याप्त थी। इसका प्रभाव 36 साल के युवाओं और 63 साल के बुजुर्गों दोनों तरह के प्रतिभागियों में देखा गया। ये भी पढ़े: सुबह की एक्सरसाइज बचाती है आपको कैंसर से
हालांकि व्यक्तियों में ये प्रतिक्रिया अलग-अलग हो सकती है – कुछ के डीआईसीईआर में 25 गुना और अन्य में बहुत कम वृद्धि हुई।
एरोबिक एक्सरसाइज (aerobic exercise) रोकती है शरीर के पतन को
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया की एरोबिक एक्सरसाइज और भोजन का सेवन कम करके (caloric restriction) डीआईसीईआर और माइक्रोआरएनए (microRNA) के पतन को उल्टा करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण मेटाबॉलिक सेंसर, एएमपीके (adenosine monophosphate-activated protein kinase – AMPK) एंजाइम के सक्रिय होने का योगदान रहा।
यह सेंसर शरीर में सेल द्वारा एटीपी (ATP) की खपत के बाद हुई ऊर्जा की कमी के चलते सक्रिय होता है।
चूहों के साथ प्रयोगों में शोधकर्ताओं ने पाया कि एरोबिक व्यायाम ने कैसे AMPK को मांसपेशियों की कोशिकाओं में सक्रिय किया और इसने वसा कोशिकाओं में डीआईसीईआर के लेवल को बढ़ाया।
शोधकर्तओं ने एरोबिक एक्सरसाइज और कैलोरी कम करने से उत्पन्न एक और मॉलिक्यूल miR-203-3p का भी अध्ययन किया। और ये भी: सीढ़ियां चढ़कर जाने दिल की सेहत
जब मासपेशिया लम्बी एक्सरसाइज के दौरान सारा ग्लाइकोजन (एनर्जी का स्त्रोत) इस्तेमाल कर लेती है तब miR-203-3p ही एडिपोस टिशू से मेटाबॉलिज़्म के लिए आवश्यक ऊर्जा निकलता है।
शोधकर्ता मानते है कि अच्छे स्वास्थ्य के साथ-साथ प्रदर्शन में वृद्धि के लिए मेटाबॉलिज्म का लचीलापन आवश्यक है।
इस प्रक्रिया के बिना, व्यायाम के दौरान मांसपेशियों को कम ऊर्जा मिलती है, जो एथलीटों के प्रदर्शन में बाधा डालता है।