शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने (Physical Fitness) के फायदे तो हम सभी जानते है, लेकिन ऐसा करने से गंभीर COVID-19 में बचाव भी होता है।
स्वीडन में हुए एक अध्ययन की मानें तो कम उम्र में ही शारीरिक रूप से फिट (Physically Fit) रहने वालों पर गंभीर COVID-19 संक्रमण का जानलेवा असर नहीं देखा गया।
गोथेनबर्ग यूनिवर्सिटी का यह अध्ययन हाल ही में बीएमजे ओपन में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन करने वालों ने किशोरावस्था से ही सेहतमंद (Healthy) रहने वाले स्वीडिश पुरुषों को कोरोना संक्रमण के दौरान अस्पताल में भर्ती होने पर गहन चिकित्सा की संभावना कम पाई।
- Advertisement -
ये सभी पुरुष तकरीबन 50 साल के थे। इनके स्वास्थ्य और फिटनेस (Health and Fitness) के बारे में अध्ययन करने वालों को मिलिट्री भर्ती रिकॉर्ड से मदद मिली।
मिलिट्री में भर्ती होते समय इन पुरुषों का साइकिल चलाने और ताकत (Strength) का परीक्षण दोनों दर्ज किए गये थे।
इन्हीं में से कुछ 2,500 पुरुष साल 2020 में COVID-19 संक्रमण के बाद अस्पताल में दाखिल हुए।
अध्ययन करने वालों ने उनकी स्थिति जांचने के लिए मरीजों, हॉस्पिटल में भर्ती और मरने वालों की जानकारी रखने वाले रजिस्टरों को भी देखा।
पता चला कि बचपन से ही फिट रहने वाले संक्रमित पुरुषों को अस्पताल की गहन देखभाल सुविधा की कम जरूरत पड़ी।
- Advertisement -
इस बारे में अध्ययनकर्ताओं का कहना था कि मोटापे (Obesity) से गंभीर कोरोना होने का खतरा ज्यादा देखा गया है।
लेकिन अध्ययन से पता चला कि अच्छी फिटनेस और ताकत सभी के लिए एक सुरक्षात्मक कवच है, फिर चाहे वो अधिक वजन वाले या मोटापा ग्रस्त हो।
अच्छी शारीरिक फिटनेस के संक्रमण (Infection) सहित कई बीमारियों के विरुद्ध सुरक्षात्मक प्रभाव पहले भी बहुत से अध्ययन बता चुके है।
फिजिकल एक्टिविटी इम्यून सिस्टम को मजबूत रखती और बीमारियां लाने वाली जलन-सूजन को कम करती है।
ये जगजाहिर है कि किशोरावस्था की फिटनेस इंसान को ताउम्र सक्रिय और स्वस्थ बने रहने में मदद करती है।
हालांकि, आजकल के युवा फिटनेस के मामले में लापरवाह है। इसका असर उनके जीवन की सेहत संबंधी समस्याओं पर पड़ सकता है, जिसमें भविष्य की वायरल महामारियों के प्रति कम प्रतिरोध शामिल है।
इसलिए, अध्ययनकर्ताओं ने बच्चों और किशोरों को शारीरिक तौर पर ज्यादा एक्टिव रहने की सलाह दी।
Also Read: एक्टिव रहें, कोरोना से बचे: WHO की नई हेल्थ गाइडलाइन्स