फिजिकल एक्टिविटी (Physical activity) से दर्द सहन करने की ताक़त (Pain tolerance) बढ़ती है, यह दावा है नई स्टडी का।
स्टडी में पाया गया कि ज़्यादा फिजिकल एक्टिविटी से पुराने दर्द (Chronic pain) में कमी या रोकथाम संभव है।
यह जानकारी नॉर्वे की कई हेल्थ यूनिवर्सिटीज़ के शोधकर्ताओं ने 10,000 से अधिक इंसानों से इकट्ठा की है।
विश्लेषण ने फिजिकली एक्टिव लोगों में सुस्त रहने वालों की अपेक्षा दर्द सहने की क्षमता अधिक पाई है।
- Advertisement -
यह क्षमता अधिक शारीरिक गतिविधि (Physical activity) करने वालों में उच्च स्तर की पाई गई है।
पीएलओएस वन पत्रिका में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, एक्टिव रहने से दर्द सहनशक्ति में वृद्धि हो सकती है।
पुख़्ता सबूत एक बड़े जनसंख्या सर्वेक्षण में शामिल हुए 10,732 नार्वेजियन वयस्कों से प्राप्त हुए थे।
उनके हेल्थ डेटा विश्लेषण द्वारा एक्सरसाइज और दर्द सहने की क्षमता में संबंध जाना गया।
डेटा में वयस्कों की फिजिकल एक्टिविटी और उनकी दर्द सहनशक्ति के स्तर शामिल थे।
- Advertisement -
एक्सरसाइज का पता पूछताछ द्वारा जबकि सहनशक्ति का 3.0°C ठंडे पानी में हाथ डुबोकर जाना गया।
विश्लेषण से पता चला कि एक्सरसाइज वालों में सुस्त लोगों की अपेक्षा दर्द सहने की क्षमता अधिक थी।
सुस्त लोग ज़्यादातर समय टीवी देखते या कुछ पढ़ते थे। एक्टिव वॉकिंग, खेलकूद, साइक्लिंग या बागवानी करते थे।
एक्टिव लोगों में दर्द सहनशक्ति अधिक थी। ज़्यादा एक्टिविटी करने वालों में दर्द सहनशीलता का स्तर भी अधिक था।
निष्कर्षों में ये माना गया कि फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा देना दर्द को कम या रोकने में प्रभावी हो सकता है।
भविष्य के शोध से एक्सरसाइज और दर्द सहनशक्ति के बीच कारण व प्रभाव का संबंध ज्ञात हो सकता है।
Also Read: एक्सरसाइज न करने से 50 करोड़ इंसान होंगे मोटापे, डायबिटीज का शिकार: WHO