Parkinson’s disease: अधिक एक्टिव रहने से ‘हाथ-पैर कांपने वाली बीमारी’ पार्किंसंस के विकास में कमी संभव है।
फ्रांस की एक स्टडी में ज़्यादा एक्सरसाइज (Exercise) करने वाली महिलाओं के पार्किंसंस रोगी होने का ख़तरा कम था।
एक्सरसाइज का फ़ायदा बताने वाली यह स्टडी, हाल ही में न्यूरोलॉजी के ऑनलाइन अंक में प्रकाशित हुई है।
साइकिल चलाने, पैदल चलने, बागवानी, घरेलू सफाई और खेलकूद से पार्किंसंस रोग की आशंका घटती मिली।
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कम एक्सरसाइज की अपेक्षा सबसे ज़्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने वालियों में पार्किंसंस रोग की दर 25% नीचे थी।
स्टडी के नतीजे एक्सरसाइज और पार्किंसंस रोग के विकास में कमी के बीच गहरा संबंध दर्शाने में क़ामयाब रहे।
यह देखते हुए स्टडी विशेषज्ञों ने एक्सरसाइज को संपूर्ण स्वास्थ्य सुधारने वाला एक सस्ता मगर प्रभावी इलाज बताया।
बता दें कि पार्किंसंस नर्वस सिस्टम का रोग है जो कई शारीरिक गतिविधियों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है।
अभी तक इस रोग का कोई पक्का इलाज नहीं मिला है। लेकिन एक्सरसाइज इसे रोकने में कारगार साबित हो सकती है।
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पुख़्ता जानकारी 49 वर्षीय 95,354 महिलाओं की जाँच से मिली है जिन्हें स्टडी की शुरुआत में पार्किंसंस रोग नहीं था।
शोधकर्ताओं ने 30 वर्षों तक उनकी सेहत पर नज़र रखी। इस दौरान 1,074 महिलाओं में पार्किंसंस रोग विकसित हुआ।
लेकिन सबसे कम एक्सरसाइज वालियों की अपेक्षा अधिक एक्सरसाइज वालियों को पार्किंसंस रोग की आशंका 25% कम थी।
खान-पान, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोग के मामले देखने के बाद भी एक्सरसाइज का असर फीका नहीं पड़ा।
यह भी पाया गया कि रोग का पता लगने के 10 साल पहले ही पार्किंसंस वालों की फिजिकल एक्टिविटी तेजी से घटने लगी थी।
नतीजों के आधार पर पार्किंसंस रोग रोकने या कम करने में नियमित एक्सरसाइज करना फायदेमंद माना गया।
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