अधिक वजन वाले डायबिटीज के मरीजों (Overweight diabetes patients) को सुबह की बजाए शाम को एक्सरसाइज करनी चाहिए, यह कहना है ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञों का।
ऑस्ट्रेलियाई कैथोलिक यूनिवर्सिटी में कार्यरत विशेषज्ञों की टीम ने एक नए अध्ययन में पाया कि डायबिटीज के खतरे वाले अधिक वजनी पुरुषों के लिए सुबह की बजाय शाम को एक्सरसाइज (Exercise) करना लाभकारी रहा।
इससे उनकी ब्लड शुगर (ग्लूकोज) रात भर नियंत्रण में देखने को मिली।
चिकनाई वाला भोजन ज्यादा खाने वाले ऐसे वजनी लोग सुस्त रहते थे, जिससे उन्हें टाइप 2 डायबिटीज होने का डर था। लेकिन शाम को कसरत करने से उनके शुगर लेवल के साथ मेटाबॉलिज्म स्वास्थ्य (Metabolism Health) में भी सुधार हुआ।
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डायबेटोलोजिया पत्रिका में प्रकाशित परिणाम इस बात पर जोर देते है कि एक्सरसाइज का समय सेहत के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा बॉडी क्लॉक (Circadian clock) और मेटाबॉलिज्म के आपसी जुड़ाव से संभव है।
डायबिटीज वालों के लिए ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना एक बड़ी समस्या है। खासकर, उनके सो जाने पर ग्लूकोज स्तर में उछाल आता है और यह अपने उच्चतम शिखर पर पहुंच जाता है।
लेकिन स्टडी में देखा गया कि जिस ग्रुप के लोगों ने शाम को वर्कआउट किया था, उनका ग्लूकोज लेवल रात में बहुत कम रहा।
यही नहीं, उनके कोलेस्ट्रॉल स्तर में भी कमी आई।
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विशेषज्ञों का कहना है कि एक्सरसाइज और भोजन दोनों के समय को सही करने से बॉडी क्लॉक पर अतिरिक्त प्रभाव पड़ सकता है, जिससे मेटाबॉलिज्म में और सुधार किया जा सकता है।
स्टडी में 30 से 45 साल के ज्यादा वजन वाले ऐसे 24 स्वस्थ पुरुषों को शामिल किया गया था, जिन्हें दिल या डायबिटीज की बीमारी नहीं थी। लेकिन सभी को 11 दिनों तक लगातार हाई फैट डाइट दी गई।
जांच करने पर पता चला कि फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज, इंसुलिन और खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर केवल शाम को वर्कआउट करने वाले अधिक वजन के लोगों में ही कम हुआ।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना था कि नतीजे भले ही कहें कि खराब मेटाबॉलिज्म सुधारने में सुबह के मुकाबले शाम की एक्सरसाइज फायदेमंद है, तो भी बेहतर सेहत के लिए नियमित एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है।
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