Yoga for Alzheimer’s: योग को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना गया है।
लेकिन योगाभ्यास से अल्जाइमर सरीखे गंभीर मस्तिष्क रोग का इलाज भी हो सकता है।
यह जानकारी दी है यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया-लॉस एंजेल्स हेल्थ साइंस के वैज्ञानिकों ने।
उनकी रिसर्च में अल्जाइमर रोग की संभावना वाली वृद्ध महिलाओं को योग से लाभ पाया गया है।
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नतीजों में, कुंडलिनी योग (Kundalini yoga) तनाव व कमज़ोर याददाश्त से जुड़े मस्तिष्क क्षेत्र में सुधार लाता मिला है।
वैज्ञानिकों ने एमआरआई जांच से मस्तिष्क क्षेत्र में बढ़ी हुई कनेक्टिविटी की पुष्टि भी की है।
कुंडलिनी योग में हिलने-डुलने की अपेक्षा सांस व ध्यान पर अधिक ज़ोर दिया जाता है।
यह योग सीमित शारीरिक क्षमता वाले बुजुर्गों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
स्टडी में कमज़ोर याददाश्त से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक उम्र की 22 महिलाएं शामिल थी।
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उन्हें हृदय-संबंधी एक या अधिक दिक़्क़तें भी थी, जिनसे अल्जाइमर रोग का ख़तरा हो सकता था।
उन पर कुंडलिनी योग और कीर्तन क्रिया सहित याददाश्त तेज करने वाले प्रोग्राम का असर देखा गया।
12 सप्ताहों में एक घंटे के कुंडलिनी योग तथा कीर्तन क्रिया ने सांस, दिल व नर्वस सिस्टम में सुधार किया।
याददाश्त तेज करने वाले प्रोग्राम ने उनके दिमाग को विभिन्न इंद्रियों से जानकारी एकीकृत करने में मदद की।
कुल मिलाकर, दिमाग के हिप्पोकैम्पस क्षेत्र को योग और कीर्तन क्रिया से अधिक लाभ मिलता देखा गया।
बता दें कि अल्जाइमर रोग याददाश्त से जुड़े हिप्पोकैम्पस को सबसे ज़्यादा क्षतिग्रस्त करता है।
हिप्पोकैम्पस कनेक्टिविटी व याददाश्त पर योग या अन्य उपायों के लाभकारी प्रभाव बड़े अध्ययनों से ही स्पष्ट हो सकते है।
यह स्टडी जल्द ही जर्नल ऑफ़ अल्जाइमर डिजीज पत्रिका में ऑनलाइन प्रकाशित होगी।
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