Mental health benefits of exercise: वृद्धावस्था तक फिटनेस रुटीन फॉलो करने वाले बुजुर्गों का दिमाग स्वस्थ और मानसिक विकारों से कम क्षतिग्रस्त होता है, ऐसा एक स्टडी के नतीजे बताते है।
नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की इस स्टडी में 70 से 80 साल के फिट बुजुर्गों में सोचने, समझने, निर्णय लेने और याददाश्त संबंधी कार्य क्षमता बेहतर पाई गई।
निष्कर्षों में पाया गया कि एक्सरसाइज द्वारा फिट रहने से वृद्ध लोगों की मस्तिष्क क्षमता उम्र के बावजूद कम घटती है।
यह रिसर्च बुजुर्गों में बीमारी और मृत्यु दर पर नियमित एक्सरसाइज के प्रभाव का मूल्यांकन करने वाली एक विशाल स्टडी के आंकड़ों पर आधारित थी।
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आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि पांच साल से फिटनेस रुटीन को फॉलो कर रहे लगभग 1000 बुजुर्गों के मस्तिष्क का स्वास्थ्य खराब फिटनेस वालों की तुलना में बेहतर था।
इसके अलावा, स्टडी में आए कुछ सौ बुजुर्ग पुरुषों और महिलों की जांच में उनकी याददाश्त, निर्णय लेने और स्वयं को आस-पास के वातावरण अनुसार ढालने की क्षमता बेहतर थी। साथ ही, उनका शरीर उम्र होने के बावजूद सही काम कर रहा था।
रिसर्च शुरू होने के समय अच्छे स्वास्थ्य वाले बुजुर्गों के दिमाग का सेरेब्रल कॉर्टेक्स क्षेत्र एक, तीन और पांच साल की जांच में बेहतर काम करता मिला।
बता दें कि सेरेब्रल कॉर्टेक्स मस्तिष्क की सबसे बाहरी परत है, जो मनुष्य की चेतना, विचार, भावना, तर्क, भाषा और स्मृति जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों से जुड़ा है। मस्तिष्क का यह हिस्सा उम्र के साथ कमजोर होता जाता है, जिससे विभिन्न प्रकार के मानसिक विकार उत्पन्न होते है।
विशेषज्ञों ने पाया कि हफ्ते में रोजाना 30 मिनट तक किसी भी तरह की एक्सरसाइज कर रहे बुजुर्गों में हमउम्र बुजुर्गों की अपेक्षा मस्तिष्क की कोशिकाएं कम क्षतिग्रस्त हुई थी।
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उनके दिमाग में हिप्पोकैम्पस और थैलेमस क्षेत्र 70-80 वर्ष के होने पर भी सबसे कम सिकुड़े थे।
स्पोर्ट्स मेडिसिन जर्नल में छपी रिपोर्ट के विशेषज्ञों ने फिटनेस बनाए रखने या बढ़ाने के लिए दम फुलाने और पसीना लाने वाली एक्सरसाइज नियमित रूप से करने की जरूरत बताई है।
साथ ही, सभी उम्र के बुजुर्गों को एक ऐसी फिजिकल एक्टिविटी अपनाने की सलाह दी जिसे वो आनंदपूर्वक लंबे समय तक जारी रख सकें।
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