ज्यादा एक्सरसाइज और कम टीवी देखने (More exercise and less TV watching) की आदत कई स्वास्थ्य समस्याओं को कम कर सकती है।
इसका ताजा उदाहरण पेश किया है ब्रिघम और वीमेन हॉस्पिटल तथा यूएस के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में कार्यरत विशेषज्ञों ने।
यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल में प्रकाशित उनके नए अध्ययन ने रोजाना अधिक एक्टिव रहने और कम घंटे टीवी देखने से नींद संबंधी बीमारी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive sleep apnea) विकसित होने का कम खतरा बताया है।
इस बीमारी में सोते समय सांस रुकती और शुरू होती रहती है।
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इसके सामान्य लक्षणों में खर्राटे लेना, नींद में खलल और अत्यधिक थकान महसूस करना शामिल है। ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, दिल का दौरा, अनियमित दिल की धड़कन और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
लेकिन क्या कम एक्टिव रहने से ऐसी बीमारी का खतरा बढ़ता है, यह देखने के लिए विशेषज्ञों ने एक लाख से अधिक अमेरिकी पुरुषों और महिलाओं के स्वास्थ्य डाटा का विश्लेषण किया।
अध्ययन की शुरुआत में उन्हें यह बीमारी नहीं थी, लेकिन 10 से 18 वर्षों तक लगभग आठ हजार से ज्यादा इंसानों में इस समस्या का पता चला।
देखा गया कि ज्यादा एक्टिव रहने वालों को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया होने का खतरा 54 फीसदी कम था।
इनमें प्रति सप्ताह दो घंटे चलने वालों के मुकाबले प्रति सप्ताह तीन घंटे दौड़ने वाले ज्यादा थे।
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इसके अलावा, जो लोग प्रतिदिन बैठे हुए चार घंटे से अधिक समय टीवी देखते थे, उनमें कम बैठने वालों की तुलना में इस बीमारी का जोखिम 78 फीसदी अधिक था।
हालांकि, अध्ययन का सुझाव था कि ऑफिस में नौकरी करने वालों या ज्यादा देर तक बैठ कर काम करने वालों को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से बचने के लिए अपनी फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाने की जरूरत है।
इसी तरह, अधिक शारीरिक गतिविधि करने में असमर्थ लोगों को भी खड़े होकर या अन्य तरीकों से बैठने के समय को कम करना चाहिए।
यह अध्ययन फेफड़ों की बीमारी रोकने के लिए एक सक्रिय जीवनशैली बनाए रखने के महत्व पर भी जोर देता है।
नतीजों से पता चलता है कि एक इंसान के जीवन में शारीरिक गतिविधि में थोड़ी सी वृद्धि और बैठने के घंटों में कमी करना स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक हो सकता है।