एक अमेरिकी स्टडी ने मासपेशियां सिकुड़ने (Muscle loss) से डिमेंशिया (Dementia) का खतरा पाया है।
जानकारी 600 से अधिक बुजुर्गों के दिमाग और टेम्पोरलिस मांसपेशी (Temporalis muscle) की जांच से मिली थी।
सिर में स्थित temporalis muscle निचले जबड़े को हिलाने और भोजन चबाने का काम करता है।
कई स्टडीज ने इस मांसपेशी के साइज और मोटाई में कमी को muscle loss का संकेतक कहा है।
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वैसे भी बढ़ती उम्र में लोग अक्सर muscle loss का शिकार होने लगते है।
बता दें कि अल्ज़ाइमर रोग सबसे आम प्रकार का डिमेंशिया है। इससे ग्रस्त बुजुर्गों में muscle loss आम बात है।
इसलिए स्टडी में देखा गया कि temporalis muscle loss बुजुर्गों में डिमेंशिया के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है या नहीं।
स्टडी टीम ने बिना डिमेंशिया वाले 621 बुजुर्गों (77 वर्षीय) में muscle loss मापने के लिए दिमागी एमआरआई (MRI) का उपयोग किया था।
छ साल जांच के बाद, छोटी temporalis muscle वालों को डिमेंशिया होने की संभावना लगभग 60% अधिक थी।
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नतीजों के अनुसार, इस मांसपेशी परिवर्तन को किसी भी दिमागी एमआरआई से देखा जा सकता है।
जल्द पता लगने पर कसरत और सही पोषण संबंधी सलाह द्वारा समय रहते muscle loss धीमा हो सकता है।
Muscle loss धीमा करने से बौद्धिक क्षमता में गिरावट और डिमेंशिया का जोखिम घट सकता हैं।
जॉन्स हॉपकिन्स संस्थानों की यह स्टडी रेडियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका (RSNA) की बैठक में प्रस्तुत हुई थी।
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