शरीर को निरोगी और मांसपेशियों (Muscles) को मजबूत रखने के लिए हफ़्ते में एक बार देर तक एक्सरसाइज (Exercise) करने की बजाए रोज़ाना थोड़ी-बहुत करना बेहतर है, ये सुझाव है विशेषज्ञों का।
न्यू एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी की नई स्टडी ने प्रतिदिन की शारीरिक एक्टिविटी (Physical activity) को स्वास्थ्य विशेषकर मांसपेशियों की ताकत (Muscles strength) के लिए बेहद फायदेमंद बताया है।
जापान की यूनिवर्सिटियों के सहयोग से की गई स्टडी में, हर रोज़ की रेजिस्टेंस ट्रेनिंग (Resistance training) से मांसपेशियों की ताकत और मोटाई में महत्वपूर्ण बदलाव आते देखा गया।
चार सप्ताह तक चले परीक्षण ने हफ़्ते में केवल एक दिन बाइसेप्स कर्ल एक्सरसाइज (Biceps curl exercise) के 30 रेप्स (Reps) करने वालों की अपेक्षा पांच दिनों तक छह रेप्स करने वालों की ताकत में उल्लेखनीय वृद्धि की सूचना दी।
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ग़ौरतलब रहा कि एक दिन में 30 और केवल छह रेप्स करने वालों की मांसपेशियों की ताकत में कोई वृद्धि दिखाई नहीं दी। हालांकि, 30 रेप्स करने वालों की मांसपेशियों के आकार में 5.8% की वृद्धि ज़रूर हुई।
उन दोनों से इतर, पांच दिनों तक छह रेप्स करने वालों की ताकत में 10% से अधिक वृद्धि हुई। साथ ही, मांसपेशियों की मोटाई में भी 30 रेप्स निकालने वालों जितनी ही बढ़ोतरी देखी गई।
परिणामों को देखकर विशेषज्ञों ने ताकत और आकार बढ़ाने के लिए केवल एक दिन जिम जाकर घंटों पसीना बहाने की अपेक्षा रोज़ाना कम समय की वेट ट्रेनिंग करने का सुझाव दिया।
उनके अनुसार, मांसपेशियों की ताकत हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। मांसपेशियां कमज़ोर होने से हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, भूलने, कुछ कैंसर सहित ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती है।
हालांकि, यह पता नहीं चल पाया कि शरीर थोड़े समय की रोज़ाना की गई रेजिस्टेंस एक्सरसाइज से बेहतर क्यों हो जाता है।
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विशेषज्ञों ने रोज़ाना एक्सरसाइज के साथ ही आराम को भी महत्वपूर्ण बताया।
दरअसल, मांसपेशियों का विकास तब होता है जब हम आराम कर रहे होते है। अगर कोई 24 घंटे ट्रेनिंग करता रहता है तो मांसपेशियों में कोई सुधार नहीं होता।
इसके अलावा, बीमारी से ठीक होने के बाद भी स्वास्थ्य लाभ के लिए धीरे-धीरे ही नियमित एक्सरसाइज शेड्यूल पर लौटना बेहतर बताया गया।
यह स्टडी स्कैंडिनेवियाई जर्नल ऑफ मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स में प्रकाशित हुई है।
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