Muscle growth exercise: मांसपेशियों की वृद्धि के लिए कैसी एक्सरसाइज फ़ायदेमंद है, यह बताया है एक नई स्टडी ने।
स्टडी में कई दोहराव (Repetition) की कम भार (Weight) वाली और कम दोहराव की अधिक भार वाली रेजिस्टेंस ट्रेनिंग का विश्लेषण किया गया था।
साओ पाउलो की स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ कैंपिनास स्टडी ने दोनों तरह की एक्सरसाइज को मांसपेशियों पर एक समान प्रभावी पाया।
आठ सप्ताह तक चली स्टडी में 18 वॉलंटियर्स ने दोनों अलग-अलग एक्सरसाइज में हिस्सा लिया था।
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एक ग्रुप ने कम दोहराव की अधिक भार वाली ट्रेनिंग की, जबकि दूसरे ने अधिक दोहराव की कम भार वाली।
दोनों एक्सरसाइज से प्रभावित मांसपेशियों की वृद्धि या मेटाबॉलिक स्ट्रेस (metabolic stress) में कोई अंतर नहीं देखा गया।
अधिक भार की ट्रेनिंग वाले ग्रुप में प्रत्येक व्यक्ति ने अपने स्वयं के वजन का 80% तक उठाया था।
कम भार वाली ट्रेनिंग में यह सीमा 30% थी, लेकिन उन्होंने मांसपेशियों के थकने तक एक्सरसाइज जारी रखी।
बता दें कि रेजिस्टेंस या वेट ट्रेनिंग मांसपेशियों की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है।
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लेकिन यह अभी भी पूर्णतया स्पष्ट नहीं है कि मांसपेशियों में वृद्धि के लिए अधिक भार महत्वपूर्ण है या दोहराव।
स्टडी से इस बात का पता चला है कि मांसपेशियों में वृद्धि के लिए दोनों तरह की एक्सरसाइज असरदार है।
विश्लेषण के अनुसार, हैवी वेट ट्रेनिंग से मांसपेशियां अधिक सक्रिय होती है लेकिन मेटाबॉलिक स्ट्रेस एक जैसा होता है।
मेटाबॉलिक स्ट्रेस की समानता बताती है कि दोनों एक्सरसाइज मांसपेशियों की वृद्धि के लिए एक ही सिस्टम अपनाती है।
यह स्टडी FAPESP रिसर्च फाउंडेशन द्वारा समर्थित थी जिसे मेटाबोलाइट्स जर्नल में प्रकाशित किया गया।
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