Weight loss dieting: वज़न घटाने के लिए आपको डाइटिंग से ज़्यादा शरीर के मेटाबॉलिज़्म (Metabolism) पर ध्यान देने की ज़रूरत है, ये कहना है एक नई स्टडी का।
स्टडी में पाया गया है कि तय समय में वज़न कम करने (Weight loss) के प्रयास से मेटाबॉलिज़्म सुस्त पड़ने लगता है। फलस्वरूप, शरीर की ज़्यादा कैलोरी जलाकर बढ़े हुए वज़न को कम करने की क्षमता धीमी हो जाती है।
नतीजों में पाया गया है कि कैसे डाइटिंग करने से शरीर का मेटाबॉलिज़्म सुस्त पड़ने लगता है जिससे वज़न घटाना दुश्वार हो जाता है।
इस बारे में बर्मिंघम स्थित अलबामा यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम ने मोटापे से ग्रस्त 65 महिलाओं की डाइटिंग से वज़न घटाने की कोशिशों का विश्लेषण किया।
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सभी महिलाओं को तय वज़न प्राप्त करने के लिए भोजन से एक दिन में 800 कैलोरी दी गई थी।
21 से 41 वर्षीय महिलाओं की शारीरिक जांच से पता चला कि समय बीतने पर उनके शरीर ने दिन में औसतन 50 कैलोरी कम खर्च करनी शुरू कर दी थी।
कुछ महिलाओं का शरीर तो प्रतिदिन सैकड़ों कैलोरी कम खर्च कर रहा था।
रिसर्च टीम के अनुसार, ऐसा तेजी से वज़न घटाने के चलते शरीर की ज़रूरत से कम कैलोरी दिए जाने के कारण संभव था। इसके प्रभाव से शरीर में मेटाबॉलिक एडॉप्शन (Metabolic adaption) की स्थिति उत्पन्न हो गई।
इस प्रक्रिया में शरीर कुल भोजन की मात्रा अनुसार ही शरीर को ऊर्जा प्रदान करने लगता है। इस कारण ज़्यादा कैलोरी जलाने में सक्षम मेटाबॉलिक दर (Resting metabolic rate) धीमी हो जाती है।
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वजन घटाने के दौरान हुए मेटाबॉलिक एडॉप्शन से वज़न कम करना कठिन हो सकता है। ऐसे में, अधिक मेटाबॉलिक एडॉप्शन वाले लोगों को वज़न घटाने में देरी हो सकती है।
टीम ने पाया कि मेटाबॉलिक दर में प्रत्येक 10 कैलोरी की कमी से वज़न घटने में एक दिन ज़्यादा समय लगा।
कुछ महिलाएं ऐसी थीं जिनकी मेटाबॉलिक दर में 700 कैलोरी के करीब गिरावट हुई। इससे उनका वजन घटने में 70 और दिन की देरी हुई।
कुल मिलाकर, महिलाओं ने 22 सप्ताह में औसतन साढ़े बारह किलोग्राम वजन कम किया।
लेकिन जैसे-जैसे मेटाबॉलिक दर घटती गई, महिलाओं को वज़न घटाकर तय वज़न प्राप्त करने में अधिक समय लगता गया।
हालांकि, डाइटिंग के साथ ही वेट ट्रेनिंग जैसी एक्सरसाइज करने से मेटाबॉलिक दर में सुधार संभव बताया गया।
इसके अलावा, कम से कम दो सप्ताह तक डाइटिंग छोड़ने और फिर शुरू करना भी वज़न घटाने में प्रभावी पाया गया।
ओबेसिटी पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट में, टीम ने वज़न घटाने में उत्पन्न बाधाओं का आकलन करते समय मेटाबॉलिक एडॉप्शन पर ध्यान देना भी ज़रूरी बताया है।