प्रेग्नेंट महिला की एक्सरसाइज (Exercise) से होने वाले शिशु को अस्थमा (Asthma) का खतरा लगभग आधा हो सकता है।
बशर्ते प्रेग्नेंट महिला द्वारा प्रेगनेंसी (Pregnancy) के दौरान सप्ताह में कम से कम तीन बार एक्सरसाइज की गई हो।
यह नवीन जानकारी फिनलैंड और नॉर्वे के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक नई स्टडी ने दी है।
स्टडी में कम एक्टिव माताओं के बच्चे की तुलना में एक्सरसाइज करने वाली माताओं के बच्चे रोगमुक्त पाए गए।
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जानकारी के लिए विशेषज्ञों की टीम ने लगभग 1,000 माताओ-शिशुओं का हेल्थ डेटा जुटाया था।
इस दौरान माताओं की प्रेगनेंसी से लेकर उनके शिशुओं के सात वर्ष का होने तक विश्लेषण किया गया।
बता दें कि प्रेगनेंसी के दौरान की गई एक्सरसाइज से माताएं और नवजात शिशु, दोनों स्वस्थ रहते है।
प्रेगनेंसी की एक्सरसाइज से नवजात शिशु के फेफड़ों की कार्यक्षमता भी मजबूत पाई गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गर्भवती महिलाओं को हर हफ्ते लगभग ढाई घंटे एक्सरसाइज की सलाह दी है।
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वर्तमान स्टडी के नतीजों ने होने वाले बच्चों को अस्थमा का खतरा कई कारणों से जुड़ा हुआ बताया।
इनमें प्रेग्नेंट माँ का वजन, तनाव, बीमारी, आदतें, आहार और पालतू जानवरों का संपर्क मुख्य कारण थे।
बच्चों के अस्थमा में कमी एक्सरसाइज से उनके फेफड़ों पर हुए सकारात्मक प्रभाव से संभव मानी गई।
माताओं की एक्सरसाइज से भ्रूण की सांस लेने की क्षमता बढ़ती है, जिससे फेफड़ों का विकास होता है।
हालांकि, टीम ने अस्थमा रोकथाम में प्रभावी प्रेगनेंसी एक्सरसाइज की मात्रा और तीव्रता पर आगे खोज कही।
फिनलैंड और नॉर्वे की हेल्थ यूनिवर्सिटीज द्वारा की गई स्टडी MED जर्नल में प्रकाशित हुई थी।