समय के अभाव का बहाना बनाकर एक्सरसाइज (Exercise) से जी चुराने वालों के लिए अच्छी खबर है।
वैज्ञानिकों ने कम समय में की गई उच्च तीव्रता की एक्सरसाइज से भी डायबिटीज, हार्ट अटैक, मोटापा, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल जैसी कार्डियोमेटाबॉलिक (Cardiometabolic) समस्यों को सुधारने की उम्मीद जताई है।
वैज्ञानिक काफी समय से ऐसे समाधान ढूढ़ने में जुटे थे, जिन्हें अपनाकर मनुष्य कम समय में ही स्वास्थ्य सुधार कर सके।
इसलिए उन्होंने कम समय में तेजी से की गई एक्सरसाइज (HIIT) पर ध्यान देना शुरू किया।
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वैज्ञानिकों का दावा था कि कम मात्रा में की गई HIIT, जिसमें आमतौर पर वार्म अप और कूल डाउन मिलाकर 20 मिनट से कम एक्सरसाइज की जाती है, स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार करने में समर्थ है।
उनकी यह धारणा डायबिटीज केयर पत्रिका में छपे अध्ययन के निष्कर्षों पर आधारित थी।
उस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने देखा था कि 12 सप्ताह तक प्रति सप्ताह तीन बार, केवल चार मिनट की HIIT एक्सरसाइज से डायबिटीज वालों के ब्लड शुगर, लिवर फैट, दिल और फेफड़ों की सेहत में सुधार हुआ।
ऐसे सुधार 45 मिनट तक की गई मध्यम श्रेणी की एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic Exercise) के बराबर थे।
नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कम मात्रा की HIIT से दिल के कार्यों और धमनी (arterial) स्वास्थ्य में सुधार भी देखा गया।
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HIIT ऐसी कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज (Cardiovascular Exercise) है, जिसे कम आराम समय के साथ वजन द्वारा या शरीर के वजन की सहायता से छोटी अवधि के लिए तेजी से किया जाता है।
लेकिन कई इंसान स्वास्थ्य समस्याओं के चलते इसे तेजी से नहीं कर सकते। इसलिए वैज्ञानिकों ने अपने नए अध्ययन में एक्सरसाइज समय को 15-20 मिनट से घटाकर और भी कम करने की बात कही।
लेकिन उनकी सलाह थी कि ऐसी जबरदस्त एक्सरसाइज हमेशा डॉक्टर की सलाह और एक्सपर्ट्स की देख-रेख में ही की जानी चाहिए।
महामारी प्रतिबंधों के कारण कम हुई शारीरिक गतिविधियों के बाद, एक्सरसाइज के नए और रोमांचक तरीके ढूंढ़ने वालों के लिए यह खोज विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगी, ऐसा वैज्ञानिकों का कहना था।
जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन से जुड़े कुछ तथ्य आगे विश्लेषण के लिए प्रस्तुत किए गए।