Fat loss better than muscle gain for heart: मसल गेन के मुकाबले बॉडी फैट में बदलाव दिल की सेहत के लिए ज्यादा जरूरी है, ये कहना है इंग्लैंड के वैज्ञानिकों का।
ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की नई खोज में पाया गया है कि शरीर में मांसपेशियों (Muscles) की बजाए चर्बी (Fat) कम विकसित होने से उम्र बढ़ने पर दिल की बीमारियां कम हो सकती है।
इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए यूनिवर्सिटी की टीम ने 10, 13, 18 और 25 साल की उम्र के दौरान 3200 से अधिक युवाओं के शरीर में फैट और मसल के स्तर को बार-बार मापा। इसके अलावा, 12 और 25 वर्ष की आयु में उनकी हैंडग्रिप की ताकत का भी परीक्षण किया गया।
25 वर्ष की आयु में उनके खून के सैंपल लिए गए और विभिन्न प्रकार के हानिकारक कोलेस्ट्रॉल, ग्लूकोज और बीमारी करने वाली सूजन की जांच की गई। ये सभी स्थितियां एक बार में ही हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के विकास का संकेत देती है।
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टीम के अनुसार, शरीर में चर्बी बढ़ना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन मांसपेशियों को विकसित करने से स्वास्थ्य सुधार और हृदय रोग की रोकथाम में मदद मिलना अभी तक अज्ञात था।
निष्कर्षों में बॉडी फैट बढ़ने से ज्यादा होने वाला हानिकारक कोलेस्ट्रॉल युवाओं में खराब स्वास्थ्य से दृढ़ता और लगातार असर डालने से जुड़ा हुआ था। मसल गेन (Muscle gain) के लाभकारी प्रभाव के मुकाबले ऐसा दुष्प्रभाव लगभग 5 गुना ज्यादा खतरनाक था।
ऐसे में टीम की सलाह थी कि बॉडी फैट को बढ़ने से रोकने और कम करने के लिए लोगों को एक्सरसाइज करते रहने की ज्यादा जरूरत है।
स्टडी में यह भी पाया गया कि हैंडग्रिप के आधार पर देखी गई ताकत में सुधार मसल गेन करने की तुलना में हृदय स्वास्थ्य के लिए थोड़ा अधिक लाभकारी है। इसलिए, मांसपेशियों को बड़ा करने (Hypertrophy) की बजाय उनका लगातार उपयोग करना अधिक मायने रखता है।
ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुई स्टडी के नतीजे पीएलओएस मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित किए गए है।
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