अगर आप खुश और स्वस्थ रहना चाहते हैं तो सोशल मीडिया (Social media) की जगह शारीरिक गतिविधियों (Physical activity) पर ज़्यादा समय ख़र्च कीजिए।
जर्मन विशेषज्ञों की एक नई स्टडी के अनुसार, रोज़ाना 30 मिनट फेसबुक, इंस्टाग्राम या ट्विटर पर बिताने की बजाए किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी करने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो सकता हैं।
जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित नतीजों में, दो सप्ताह तक इस सलाह का पालन करने वाले इंसानों ने COVID-19 महामारी के बावजूद कम तनावग्रस्त और अधिक खुश महसूस किया।
गौरतलब रहा कि ऐसा सुखद प्रभाव स्टडी समाप्त होने के छह महीने बाद भी जारी रहा।
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देखा गया है कि आज के डिजिटल समय में सोशल मीडिया का भारी उपयोग मानसिक सेहत के लिए चिंता का विषय है।
इसकी लत लगने के अलावा, फर्जी ख़बरें और गुमराह करने वाली सूचनाएं उपयोगकर्ताओं के स्वास्थ्य को नकारात्मक ढ़ंग से प्रभावित कर सकती है।
कई स्टडीज़ एक्सरसाइज या शारीरिक रूप से एक्टिव रहने को मानसिक स्वास्थ्य बढ़ाने और डिप्रेशन लक्षणों को कम करने में उपयुक्त बताती है।
इसलिए विशेषज्ञों की टीम ने सोशल मीडिया लत को कम करने में फिजिकल एक्टिविटी का असर जानने का प्रयास किया।
कुल 642 इंसानों को भर्ती कर उन पर प्रतिदिन कुछ मिनट की शारीरिक गतिविधि या लंबे समय तक सोशल मीडिया का उपयोग जारी रखने से हुए प्रभावों को देखा गया।
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निष्कर्षों ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि प्रत्येक दिन सोशल मीडिया पर बिताए गए समय को कम करने और शारीरिक गतिविधि बढ़ाने से लोगों की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
विशेष रूप से सोशल मीडिया पर 30 मिनट कम समय बिताने और उतने समय या अधिक देर तक एक्सरसाइज करने वालों में जीवन के प्रति संतुष्टि और खुशी की भावना बढ़ने के साथ ही डिप्रेशन/चिंता के लक्षणों में कमी महसूस की गई।
विशेषज्ञों के मुताबिक़, इन उपायों को दैनिक जीवन में आसानी से लागू किया जा सकता है। डिजिटल युग में स्वयं को खुश और स्वस्थ रखने का ये बहुत ही आसान लेकिन कारगर उपाय है।