Effects of evening high-intensity exercise on sleep: शाम को की गई जोरदार एक्सरसाइज आपकी नींद को खराब कर सकती है, ये कहना है एक नई रिसर्च का।
रिसर्च के नतीजे बताते है कि यदि दिन के एक निश्चित समय पर या सोने से कुछ समय पहले वर्कआउट किया जाए, तो यह हमारी नींद को प्रभावित कर सकता है।
कनाडा की कॉनकॉर्डिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस विषय से संबंधित 15 अध्ययनों से प्राप्त आंकड़ों का आकलन किया है।
उनका उद्देश्य सोने से कुछ घंटे पहले किए गए एक कड़े वर्कआउट का युवाओं और मध्यम आयु के स्वस्थ वयस्कों पर प्रभाव जानना था।
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नतीजों की मानें तो एक्सरसाइज के समय, टाइप, अवधि, शाम की शुरुआत या देर शाम, सोने के समय आदि का आपस में गहन संबंध है।
इसके अलावा, एक व्यक्ति का फिटनेस लेवल भी नींद को प्रभावित करता है।
विशेषज्ञों ने पाया कि शाम को सोने से दो घंटे पहले किए गए वर्कआउट से जल्दी और लंबी नींद जैसे लाभ मिले, जबकि सोने के दो घंटे से भी कम समय पहले की एक्सरसाइज से कम अवधि और नींद आने में अधिक समय देखा गया।
इसके अलावा, सोने से दो घण्टे पहले किए गए 30 से 60 मिनट के हाई इंटेंसिटी वर्कआउट से भी नींद में सुधार हुआ। यह सुधार कभी-कभार एक्सरसाइज करने वालों में ज्यादा पाया गया।
साइकिल चलाने की एक्सरसाइज से भी नींद की शुरुआत और गहरी नींद के मामलों में तेजी आई।
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हालांकि, शाम को हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करने से नींद के रैपिड-आई-मूवमेंट अवस्था में मामूली कमी देखी गई। यह नींद की ऐसी अवस्था है जो आमतौर पर सपने देखने से जुड़ी होती है।
अध्ययनों से पता चला है कि इस अवस्था की नींद में कमी सोचने-समझने की दिमागी क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
निष्कर्षों के आधार पर कहा जा सकता है कि यदि संभव हो तो शाम की एक्सरसाइज सोने के समय से कई घंटे पहले ही कर लेनी चाहिए।
साथ ही, देर शाम को किए गए उच्च तीव्रता वाले वर्कआउट से सुबह एक्सरसाइज करने के आदी इंसानों की नींद में खलल पड़ सकता है।
इसके अलावा, शाम को एक्सरसाइज के बाद स्नान न करने, भारी भोजन खाने या बिस्तर पर जाने से पहले बहुत सारा पानी पीने से भी बचना चाहिए।
इस विषय में ज्यादा जानकारी के लिए स्लीप मेडिसिन रिव्यूज पत्रिका को पढ़ा जा सकता है।