कोरोना महामारी में हुए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग ने एक ओर जहां मानसिक समस्याओं को बढ़ाया वही लोगों ने एक अच्छे स्वास्थ्य के महत्व को भी समझा।
भारत में हुए ऐसे ही एक सर्वेक्षण में लोगों ने अच्छी सेहत के लिए अपने खान-पान में बदलाव लाने को जिम जाने से बेहतर माना है।
इस ऑनलाइन सर्वेक्षण में महानगरों में रहनेवाले 22 से 56 वर्ष की आयु के लगभग 2,428 वयस्क शामिल थे।
महामारी ने सेहत संबंधित दृष्टिकोण को बदला
सर्वे के अनुसार, कोविद-19 महामारी ने सेहत से संबंधित भारतीयों के दृष्टिकोण को बदल दिया है।
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उनका मानना था कि महामारी ने उन्हें और अधिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत करते हुए पौष्टिक भोजन द्वारा ही एक स्वस्थ जीवनशैली हासिल करने का अवसर दिया है।
अधिकांश भारतीयों (71 प्रतिशत) ने महसूस किया कि खराब खान-पान की आदतों और फिटनेस न होने के कारण ही आज उनकी सेहत कोरोना फैलने से पहले की तुलना में ज्यादा खराब है।
70 प्रतिशत भारतीयों का कहना था कि वे साल 2021 में भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों का ख्याल रखने के लिए आहार और जीवनशैली में बदलाव को प्राथमिकता देंगे।
सर्वे में भाग लेने वाले उत्तरदाताओं ने बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हेल्थी डाइट को प्राथमिकता दी।
जिम जाना नहीं रहा जरूरी
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60 प्रतिशत से अधिक भारतीयों ने जिम और फिटनेस सेंटरों के प्रति पहले की तुलना में कम प्राथमिकता बताई। इसके पीछे कोरोना के चलते संक्रमण का डर, सोशल डिस्टेंसिंग और सांप्रदायिक क्षेत्रों से बचने की वजह बताई गयी।
उन्होंने घर पर व्यायाम करना या दौड़ना, साइकिल चलाना अथवा एरोबिक्स करना जैसी वैकल्पिक शारीरिक गतिविधियां करने को पसंदीदा बताया।
स्वाद करता है खाने को प्रभावित
समय की कमी, हेल्थ प्रोडक्ट्स का खराब स्वाद और उनके तकनीकी विवरणों का भ्रमित करना बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त करने में सबसे बड़ी बाधा जाना गया।
73 प्रतिशत भारतीयों के लिए खाने-पीने के प्रोडक्ट्स को खरीदने के उनके फैसले में स्वाद सर्वोच्च है। इसलिए हेल्थ प्रोडक्ट्स का खराब स्वाद उनके लिए सही आहार चुनने में एक बाधा है।
सर्वेक्षण में 72 फीसदी लोगों ने समय की कमी का हवाला दिया, जबकि 66 फीसदी हेल्थ प्रोडक्ट्स के बेस्वाद होने का हवाला देते है।
हेल्थी बनाम जंक फूड
सर्वे में 100 फीसदी लोगों ने सही तरीके से पहचाना कि हेल्थी बनाम जंक फूड क्या है।
उन्हें फैट और शुगर से भरे अस्वस्थ खाने के दुष्प्रभावों के बारे में भी पता था। फिर भी 73 प्रतिशत ने कहा कि वे अनहेल्थी फूड खाएंगे क्योंकि वे स्वादिष्ट, सुविधाजनक और उनकी दैनिक जीवनशैली का हिस्सा है।
ज्यादा लोग बेस्वाद हेल्थी फूड की तुलना में ऐसे स्वादिष्ट फूड लेना पसंद करते है जिनके न्यूट्रिशनल फायदे भी हो तो अच्छा।
आहार परिवर्तन से बनायेंगे सेहत
सर्वेक्षण के अनुसार, 70 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने आहार परिवर्तन के माध्यम से अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में पहले की तुलना में अधिक झुकाव दिखाया।
65 प्रतिशत सेहत संबंधी अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए चिकित्सा और न्यूट्रिशनल एक्सपर्ट्स से मदद लेने को सही मानते थे।
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