डॉक्टर्स ये मानते है कि अधिक समय तक बैठे रहने से न केवल हमारे शरीर की माशपेशियों पर बल्कि अन्य मह्त्वपूर्ण अंगों पर भी असर पड़ता है।लेकिन एक नए शोध में ये बताया गया है कि लेग स्ट्रेचिंग (leg stretching) से न केवल ऐंठन (cramps) और मांसपेशियों के खिंचाव (muscle strains) को कम किया जा सकता है, बल्कि यह हृदय रोग (heart disease) और स्ट्रोक (stroke) से बचाने का एक और तरीका भी हो सकता है।
द जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी (The Journal of Physiology) द्वारा ऑनलाइन प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि साधारण पैर की स्ट्रेचिंग करने से पूरे शरीर में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
शोधकर्ताओं ने 39 स्वस्थ लोगों को दो समूहों में विभाजित किया।
एक समूह ने कोई स्ट्रेचिंग नहीं की लेकिन दूसरे समूह ने 12 सप्ताह के लिए सप्ताह में पांच बार 45 सेकंड स्ट्रेचिंग की।
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स्ट्रेच कूल्हे, घुटने और टखने पर केंद्रित था।
शोधकर्ताओं ने पाया कि स्ट्रेचिंग समूह के निचले पैरों की धमनियों में बेहतर रक्त प्रवाह (blood flow) और कम कठोरता थी।
अध्ययन के अंत में स्ट्रेचिंग ग्रुप का ब्लड प्रेशर भी कम था।
स्ट्रेचिंग से जांघों और पैरों की मांसपेशियों को फायदा
शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि शरीर के निचले हिस्से में स्ट्रेचिंग से मासपेशियां जांघों और पैरों की धमनियों पर दबाव डालती है।
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इससे शरीर धमनियों का विस्तार करता है ताकि अधिक रक्त प्रवेश कर सके।
इसका असर ऊपरी शरीर में धमनियों पर भी पड़ता है, क्योंकि प्रतिभागियों ने अपनी ऊपरी बांहों की धमनियों में इसी तरह के बदलाव दिखाए।
शोधकर्ताओं ने नोट किया कि पैर की स्ट्रेचिंग हृदय रोग, स्ट्रोक और यहां तक कि मधुमेह (diabetes) के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान कर सकती है, जो सभी कम रक्त प्रवाह से प्रभावित होते हैं।
स्ट्रेचिंग कम चलने-फिरने और एक्सरसाइज न करने वालों के दिल के लिए खास फायदेमंद है।