HIIT जैसी ज़ोरदार एक्सरसाइज न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मूड और याददाश्त को भी सुधारती है.
यह जानकारी स्पेन की सेविल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को अपनी नई स्टडी से मिली है।
युवा कॉलेज छात्रों पर हुई उनकी स्टडी कुछ समय पहले ही हेल्थकेयर जर्नल में प्रकाशित हुई थी।
नतीजों में कॉलेज छात्रों का मूड व कामकाजी याददाश्त सुधारने में कम समय की HIIT असरदार पाई गई।
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HIIT (High Intensity Interval Training) में कम समय की तेज एक्सरसाइज के बाद छोटा ब्रेक लिया जाता है।
पिछली स्टडीज़ में भी HIIT से किशोरों व युवाओं की कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस, शरीर एवं मेटाबॉलिज़्म में सुधार मिला था।
लेकिन युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य और बौद्धिक कौशल पर HIIT के प्रभाव बहुत कम ज्ञात थे।
इस विषय की खोजबीन हेतु नई स्टडी में सामान्य वज़न के 22 वर्षीय कुल 25 लड़कों को भर्ती किया गया।
उन्होंने 10 बार, एक मिनट के लिए पूरी ताकत से साइकिल चलाई और दोबारा चलाने से पहले एक मिनट ब्रेक लिया।
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शोधकर्ताओं ने HIIT से पहले और एक्सरसाइज के बाद उनके मूड एवं याददाश्त के स्तर को रिकॉर्ड किया।
HIIT वर्कआउट ख़त्म होने के 30 मिनट बाद उनके मूड में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया।
एक्सरसाइज के 30 मिनट बाद सोचने, समझने और याददाश्त स्तर में भी पहले से अधिक वृद्धि थी।
कुल मिलाकर, HIIT अभ्यास युवाओं के मूड व बौद्धिक कौशल में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
हालांकि, ज़ोरदार एक्सरसाइज द्वारा मूड और कामकाजी याददाश्त में सुधार कैसे संभव है, यह खोज का विषय है।