Physical activity: बढ़ती उम्र में जीवन बेहतर बनाना है तो एक्टिव रहने की आदत डालें, ऐसा यूके के वैज्ञानिकों का सुझाव है।
उनकी नई स्टडी में ज़्यादा एक्टिविटी और कम बैठने से बुजुर्गों के जीवन की गुणवत्ता (Quality of life) में सुधार की संभावना मिली है।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की यह स्टडी हाल ही में हेल्थ एंड क्वालिटी लाइफ आउटकम जर्नल में प्रकशित हुई है।
नतीजों में बीमारियों से बचने के लिए साठ वर्ष या अधिक आयु वालों को कम बैठने व ज़्यादा एक्टिव रहने की सलाह दी गई है।
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इसके लिए उन्हें रोज़ाना 20 मिनट तेजी से चलना, बागवानी, साइकिल चलाना या अन्य एक्टिविटी करनी चाहिए।
ख़ासकर हृदय गति बढ़ाने वाली एक्टिविटी से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, डायबिटीज व कैंसर सहित कई रोगों का ख़तरा कम होता है।
इसके विपरीत, उन्हें टीवी देखने, पढ़ने या घंटों बैठने जैसी गतिहीन एक्टिविटी की अधिकता से बचना चाहिए।
इस बारे में यूनिवर्सिटी विशेषज्ञों को 60 वर्ष व अधिक उम्र के 1,433 बुजुर्गों की दैनिक एक्टिविटी जांचने से पता चला था।
इसके लिए एक्सेलेरोमीटर सहित उनकी सेहत, बीमारियां, आत्म-निर्भरता, चिंता, मूड आदि से जुड़े डाटा का सहारा लिया गया था।
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जीवन की खराब गुणवत्ता अस्पताल में भर्ती होने के बढ़ते जोखिम, अधिक बीमारियां और जल्दी मृत्यु की आशंका से जुड़ी हुई थी।
औसतन छह साल चली स्टडी में, विशेषज्ञों द्वारा उनके व्यवहार और जीवन की गुणवत्ता में बदलाव पर नज़र रखी गई।
प्रतिदिन लगभग 24 मिनट फिजिकल एक्टिविटी एवं 15 मिनट ही बैठने वाले पुरुषों और महिलाओं का जीवन बेहतर मिला।
विशेषज्ञों ने एक्टिव रहने और कम समय बैठने की आदत को जीवन के हर चरण में स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण बताया है।
उनके अनुसार, शारीरिक व्यवहार में सुधार से जीवन की बेहतर गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
अधिक शारीरिक गतिविधि से बुजुर्गों में ऑस्टियोआर्थराइटिस का दर्द और मांसपेशियों की कमज़ोरी दूर होते है।
इसी तरह, उनका डिप्रेशन और चिंता भी अधिक सक्रिय एवं कम समय बैठकर बिताने से दूर हो सकते है।
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