HIIT exercise: कई गंभीर बीमारियों का खतरा टालने में एक्सरसाइज दवाओं के समान ही असरदार कही गई है।
एक्सरसाइज करने वाले पुरुषों और महिलाओं को वृद्धावस्था संबंधित दिक्कतें भी कम पेश आती है।
अब ब्राज़ील की एक स्टडी ने वृद्ध महिलाओं के लिए HIIT एक्सरसाइज को अधिक फ़ायदेमंद बताया है।
स्टडी में HIIT संग रेजिस्टेंस ट्रेनिंग करने वाली वृद्ध महिलाओं को अधिक स्वास्थ्य लाभ मिलते देखे गए।
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ऐसी एक्सरसाइज से उनकी कमर साइज, हाई बीपी और दिल की बीमारियों के खतरे में अधिक कमी थी।
नतीजों में एरोबिक एक्सरसाइज या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की तुलना में HIIT संग रेजिस्टेंस ट्रेनिंग अधिक फायदेमंद मिली।
बता दें कि हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) थोड़े समय की बिना उपकरण वाली एक्सरसाइज होती है।
स्टडी में एरोबिक और रेजिस्टेंस(स्ट्रेंथ) ट्र्रेनिंग, दोनों से वृद्ध महिलाओं की कमर के साइज में कमी हुई।
लेकिन केवल HIIT संग रेजिस्टेंस ट्रेनिंग से ही सिस्टोलिक बीपी और धमनी कठोरता (Arterial stiffness) में कमी आई।
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धमनी कठोरता से एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) का खतरा बढ़ता है। एथेरोस्क्लेरोसिस में धमनियों के अंदर प्लाक जम जाता है।
प्लाक में कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और अन्य चिकनाई होती हैं। इससे दिल को ऑक्सीजन युक्त खून की सप्लाई रुक जाती है।
ट्रेनिंग प्रोग्राम खत्म होने के तीन महीने बाद भी वृद्ध महिलाओं की धमनी कठोरता में सुधार जारी रहा।
ऐसे सकारात्मक असर से उन्हें वृद्धावस्था में भी दिल का दौरा या स्ट्रोक पड़ने का जोखिम काफी कम था।
नतीजों से उत्साहित रिसर्चर्स ने HIIT संग रेजिस्टेंस ट्रेनिंग से वृद्ध महिलाओं को निरोगी रहने में आसानी बताई।
92 वृद्ध महिलाओं पर हुई साओ पाउलो स्टेट यूनिवर्सिटी की स्टडी यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुई थी।