एक्सरसाइज (Exercise) न केवल शरीर को फायदा पहुंचाती, बल्कि सोचने-समझने की क्षमता में भी सुधार करती है।
इसका हालिया उदाहरण जापान स्थित सुकुबा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने प्रस्तुत किया।
जानवरों पर हुई उनकी स्टडी में धीमी और उच्च-तीव्रता वाली एक्सरसाइज (High-intensity intermittent training) दोनों से ही चूहों की शारीरिक क्षमता और मस्तिष्क की कार्य कुशलता में सुधार हुआ।
ऐसी एक्सरसाइज से चूहों के दिमाग में हिप्पोकैम्पस (Hippocampus) हिस्से को फायदा हुआ। यह हिस्सा किसी स्थान को याद रखने और उसकी सूचना देने संबंधित याददाश्त से जुड़ा हुआ है।
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चार सप्ताह तक चले प्रयोग में, चूहों को पांच दिनों तक ट्रेडमिल पर धीमे चलने या कुछ समय की स्प्रिंट (Sprint) जैसी तेज एक्सरसाइज करवाई गई।
दोनों एक्सरसाइज के परिणामस्वरूप उनका वजन कम होने के साथ-साथ एक्सरसाइज करने की क्षमता में भी सुधार हुआ।
शोधकर्ताओं को जो सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात लगी वो थी चूहों के दिमाग में कोशिकाओं का विकास।
हालांकि, दोनों समूहों के चूहों ने सीखने में बेहतर याददाश्त का प्रदर्शन किया, लेकिन हिप्पोकैम्पस में न्यूरोजेनेसिस (Neurogenesis) के रूप में जाना जाने वाला बढ़ा हुआ कोशिका विकास सिर्फ उच्च-तीव्रता वाली एक्सरसाइज के चूहों में ही देखने को मिला।
ऐसा विकास धीमी एक्सरसाइज वाले चूहों में नहीं था।
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वैज्ञानिकों ने इसके पीछे स्प्रिंट जैसी तेज एक्सरसाइज से होने वाले तनाव को अहम बताया।
पिछले अध्ययन में भी यह देखा गया था कि थोड़े समय की हल्की तीव्रता वाली एक्सरसाइज, देर तक चलने वाली उच्च-तीव्रता एक्सरसाइज के मुकाबले याददाश्त के लिए ज्यादा लाभकारी होती है।