Exercise benefits in kidney disease: समाज के कमजोर वर्गों के लोग भी रोज़ाना एक्सरसाइज से किडनी की बीमारी कम कर सकते है, ऐसा एक स्टडी का कहना है।
स्टडी करने वाले विशेषज्ञों ने समाज के निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति (Low socioeconomic status) के लोगों में डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर समस्याओं से क्रोनिक किडनी डिजीज (Chronic kidney disease) बढ़ने की जानकारी दी है।
साथ ही, इस बीमारी का इलाज भी बहुत महंगा बताया है। ऐसे में, नियमित एक्सरसाइज करके कम शिक्षा और आय वाले भी इस रोग का ख़तरा टाल सकते है।
स्टडी में कमजोर वर्गों के लोग क्रोनिक किडनी डिजीज के अधिक शिकार बताए गए है।
- Advertisement -
देखा गया है कि उच्च सामाजिक-आर्थिक स्थिति वालों की तुलना में निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति वालों की आमतौर पर वित्तीय, शैक्षणिक, सामाजिक और स्वास्थ्य संसाधनों तक कम पहुंच होती है।
इंग्लैंड की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुई यह स्टडी, द अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित की गई है।
विशेषज्ञ दल ने किडनी की बीमारी रहित कम सामाजिक-आर्थिक स्थिति वाले 42 से 61 वर्ष के दो हज़ार से अधिक पुरुषों की भर्ती की थी।
उनकी शारीरिक फिटनेस का आकलन करने के बाद, क्रोनिक किडनी डिजीज का विकास देखने के लिए उन्हें 20 साल तक फॉलो किया गया।
विश्लेषण से पता चला कि कमजोर वर्गों के पुरुषों में किडनी रोग का खतरा बढ़ा हुआ था। हालांकि, इस तबके के अधिक फिट लोगों में जोखिम कम था।
- Advertisement -
कम सामाजिक-आर्थिक स्थिति और निचले फिटनेस स्तर वाले लोगों में क्रोनिक किडनी डिजीज होने का डर अत्यधिक था।
परिणाम बताते हैं कि नियमित एक्सरसाइज करने से किसी भी समुदाय या श्रेणी के लोगों में क्रोनिक किडनी डिजीज का ख़तरा काफी हद तक नियंत्रित रखा जा सकता हैं।
विशेषज्ञों ने चिंता जताते हुए कहा कि चलते-फिरते रहने से कई बीमारियों में सुरक्षा मिल सकती है, लेकिन अधिकांश लोग एक तय मात्रा की शारीरिक गतिविधि नहीं करते है।
उन्होंने किडनी, डायबिटीज, दिल की और अन्य बीमारियों से शरीर के अंगों को बचाने के लिए सभी तरह की आबादी को अधिक फिजिकल एक्टिविटी करवाने की ज़रूरत कही है।
क्रोनिक किडनी डिजीज की रोकथाम के लिए शारीरिक गतिविधि की मात्रा और तीव्रता कितनी हो, यह पता लगाने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता भी कही है।
Also Read: जानिए एक्सरसाइज से बीमारियों में सुधार कैसे संभव है