शारीरिक रूप से फिट युवाओं के दिल की सेहत कोरोना (COVID-19) पॉजिटिव होने के बाद भी बनी रहती है, ऐसा एक स्टडी से पता चला है।
इस सीमित स्टडी में विशेषज्ञों को कॉलेज के युवा खिलाड़ी संक्रमण के बाद भी हृदय संबंधी जटिलताओं के खतरे से बचे हुए मिले।
अधिकांश में हल्के संक्रमण के लक्षण थे, जिन्हें उपचार की आवश्यकता नहीं थी। कुछ में टेस्ट के बाद दिल को नुकसान होने का कोई सबूत भी नहीं था।
पहले ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि संक्रमित खिलाड़ियों के दिल को नुकसान हो सकता है, इसलिए उन्हें प्रशिक्षण और प्रतियोगिता शुरू करने से पहले एमआरआई (MRI) या अन्य तरीकों से कार्डियक स्क्रीनिंग (Cardiac Screening) के लिए कहा गया था।
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अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की प्रमुख पत्रिका सर्कुलेशन में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, सभी एथलीट ठीक होने के बाद, बिना किसी स्वास्थ्य जटिलता के अपने-अपने खेल में शामिल हो गए।
इस जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ टेनेसी हेल्थ साइंसेज सेंटर के विशेषज्ञों ने औसतन 20 वर्ष के 137 संक्रमित कॉलेज खिलाड़ियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की समीक्षा की।
ये सभी बास्केटबॉल, बेसबॉल, टेनिस, फुटबॉल, ट्रैक, गोल्फ वगैरह के खिलाड़ी थे।
सभी को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद खेल में वापस लौटने पर कार्डियक स्क्रीनिंग के लिए भेजा गया था।
ज्यादातर को कोरोना वायरस पॉजिटिव होने के 16 दिनों बाद जांचा गया।
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अधिकांश (82 फीसदी) खिलाड़ियों में हल्के COVID-19 लक्षण थे, लेकिन किसी को भी उपचार या अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
सबसे ज्यादा लक्षण गंध, स्वाद, बुखार, सिरदर्द और थकान के थे। कम लक्षणों में सांस लेने और सीने में दर्द या जकड़न की तकलीफ थी।
विशेषज्ञों ने देखा कि 137 खिलाड़ियों में से पांच से कम के प्रारंभिक परीक्षणों में दिल की असामान्यताएं दिखाईं दी।
लेकिन इन पांच खिलाड़ियों की एमआरआई जांच में कोई हृदय क्षति या सूजन नहीं मिली।
कोरोना से ठीक होने के बाद, सभी खिलाड़ी बिना किसी समस्या के अपने प्रशिक्षण और प्रतियोगिता के लिए फिट थे।
युवा खिलाड़ियों और उनके दिल पर ऐसे सकारात्मक प्रभावों को देखकर विशेषज्ञ प्रोत्साहित हुए। उन्होंने पाया कि बाद में भी किसी खिलाड़ी को एक्सरसाइज करने और खेलने में कोई समस्या नहीं हुई।