टांगों की ताकत (Strong legs) अक्सर दर्शाती है कि आप कितने एक्टिव रहते हैं।
अधिक एक्टिविटी से मोटापा, डायबिटीज, हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल होने की आशंका घटती है।
अब एक नई स्टडी ने मजबूत टांगों से हार्ट फेल (Heart failure) होने की संभावना भी कम बताई है।
जापान के मेडिकल साइंस विशेषज्ञों ने हार्ट अटैक (Heart attack) के बाद हार्ट फेलियर रोकने में टांगों की मजबूती अहम जानी है।
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हार्ट अटैक हार्ट फेलियर का सबसे आम कारण है। यह परेशानी हार्ट अटैक के लगभग 6-9% रोगियों को रहती है।
दिल में खून न जाने से हार्ट अटैक होता है। वहीं हार्ट फेल तब होता है जब दिल शरीर के अंगों को खून पंप नहीं कर पाता है।
विशेषज्ञों ने यह स्टडी यूरोपीय सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी के एक वैज्ञानिक सम्मलेन में पेश की थी।
पिछले शोध ने कोरोनरी आर्टरी रोग के मरीज़ों में उनकी टांगों की ताक़त कम मृत्यु से जुड़ी बताई थी।
खोजकर्ताओं ने उस शोध की जानकारी का परीक्षण करते हुए पैरों की ताक़त का हार्ट फेलियर से संबंध जाना।
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उन्होंने वर्ष 2007 से 2020 तक हार्ट अटैक के कारण अस्पताल में भर्ती 932 रोगियों की स्वास्थ्य जांच शुरू की।
उन रोगियों की औसत आयु 66 वर्ष थी। उनमें से 753 पुरुष थे और 179 महिलाएं थी।
उन्हें हार्ट फेलियर का न तो भर्ती होने से पहले और ना ही अस्पताल में पड़े हुए कोई ख़तरा जाना गया।
टांगों की ताक़त मापने के बाद, कमज़ोर जांघों के मुकाबले मजबूत जांघों वालों को हार्ट फेल का ख़तरा 41% कम था।
यही नहीं, शरीर के 5% वजन में हुई वृद्धि से बढ़ी जांघों की ताक़त हार्ट फेलियर की संभावना 11% कम करती दिखी।
नतीजों की मानें तो जांघों की ताक़त हार्ट अटैक के मरीज़ों में हार्ट फेलियर की संभावना बता सकती है।
हार्ट फेल रोकने के लिए हार्ट अटैक रोगियों को टांगे मजबूत करने वाली एक्सरसाइज की सलाह दी जानी चाहिए।
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