क्या आप जानते है कि एक्टिव लाइफस्टाइल जीने वालों की हार्ट अटैक (heart attack) होने पर भी जल्दी मौत नहीं होती?
पूरे विश्व में दिल की बीमारी मृत्यु का प्रमुख कारण है और इसकी रोकथाम ही एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता है।
यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन बताता है कि सक्रिय जीवनशैली यानि चलना-फिरना, एक्सरसाइज करना और कम बैठे रहने वालों की दिल का दौरा पड़ने पर तुरंत मरने की संभावना कम होती है।
अध्ययन में एक सक्रिय (active) बनाम गतिहीन (sedentary) जीवनशैली का दिल के दौरे पर तत्काल प्रभाव देखा गया।
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इसके लिए खोजकर्ताओं ने 28 हजार से ज्यादा लोगों के आंकड़ों का अध्ययन किया। इनमे कुछ बीमार और कुछ एक्टिव लाइफस्टाइल के लोग भी शामिल थे।
इन लोगों को उनकी सहूलियत के हिसाब से की गई साप्ताहिक शारीरिक गतिविधि के आधार पर गतिहीन, निम्न, मध्यम या उच्च स्तर में वर्गीकृत किया गया।
फिर उनकी उम्र, लिंग, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग के पारिवारिक इतिहास, धूम्रपान, बॉडी मास इंडेक्स, कोलेस्ट्रॉल, शराब की लत इत्यादि कारकों को ठीक तरह से देखने के बाद एक्टिविटी लेवल और दिल का दौरा पड़ने से मौत के खतरे (तुरन्त और 28 दिनों के भीतर) के बीच संबंध का विश्लेषण किया गया।
फिजिकल एक्टिविटी घातक हार्ट अटैक के खिलाफ फायदेमंद
अध्ययन के मुताबिक, दिल का दौरा पड़ने के 28 दिनों के भीतर कुल 4,976 प्रतिभागियों की मृत्यु हो गई थी। इनमें से 3,101 की मृत्यु तो उसी क्षण हो गई थी।
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लेकिन जो लोग अपनी सुविधानुसार हफ्ते में मध्यम और उच्च स्तर की शारीरिक गतिविधियां करते थे, उनमें कोई एक्सरसाइज न करने वाले व्यक्तियों की तुलना में हार्ट अटैक से तुरंत मृत्यु का 33 और 45 फीसदी कम जोखिम था।
खोजकर्ताओं के विश्लेषणों के आधार पर, कम समय की फिजिकल एक्टिविटी भी घातक हार्ट अटैक के खिलाफ फायदेमंद हो सकती है।
एक्सपर्ट का सुझाव है कि सभी उम्र के वयस्कों को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मॉडरेट इंटेंसिटी या 75 मिनट की जोरदार इंटेंसिटी वाली एरोबिक फिजिकल एक्टिविटी या इसके समान एक्सरसाइज करनी चाहिए।