कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए पहना जाने वाला सर्जिकल-टाइप फेस मास्क एक्सरसाइज के दौरान पहनने के लिए भी सुरक्षित है।
ऐसा करना कोरोना वायरस के प्रकोप से उबर रहे मरीजों की रिहैबिलिटेशन गतिविधियों (rehabilitation activities) के लिए भी फायदेमंद है।
डर्बी विश्वविधालय में हुए इस अध्ययन के मुताबिक, शारीरिक गतिविधियों के समय सर्जिकल-टाइप मास्क पहनने से एक ओर जहाँ संक्रमण का खतरा कम होता है, वहीँ इसे बार-बार पहनने से हमारा शरीर भी इसके अनुकूल ढल जाता है।
शारीरिक गतिविधि के दौरान कुछ लोग मास्क न पहनने के पीछे साँस लेने में कठिनाई, चिंता, पसीना आना और बातचीत करने की कम क्षमता का हवाला देते है। लेकिन शोधकर्ताओं का कहना था कि मास्क से ऑक्सीजन कम मिलना या कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन का रुकना संभव नहीं।
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दिल और फेफड़ों के मरीजों के लिए मास्क पहनना सुरक्षित
अध्ययन में शोध दल ने दिल और फेफड़ों पर मास्क पहनने के शारीरिक प्रभावों की समीक्षा की तो पता चला कि एक्सरसाइज और आराम करते समय उनका असर शून्य था।
शोध दल के अनुसार, दिल और फेफड़ों के मरीजों के लिए मास्क पहनना सुरक्षित है लेकिन उन्हें रेस्पिरेटर या कपड़े के मास्क की तुलना में तीन लेयर वाला सर्जिकल मास्क पहनना चाहिए। इससे ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन नहीं होता।
इसके अलावा मास्क पहनने से होने वाली घबराहट और चिंताओं को दूर करने के लिए उन्हें अधिक बार पहनना चाहिए।
अगर कोरोना से ठीक हो रहे मरीज भी रिहैबिलिटेशन एक्टिविटी के दौरान मास्क पहनते है तो इससे उनकी शारीरिक क्षमता प्रभावित नहीं होगी और वायरस के संचरण को कम करने में मदद मिलेगी।
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