दवाओं की अपेक्षा एक्सरसाइज (Exercise) से दिल की हर बीमारी का इलाज संभव है, ऐसा ब्राजील और यूके के वैज्ञानिकों ने बताया।
उनके विश्लेषण में, नियमित एक्सरसाइज से गठिया (Rheumatoid) और ल्यूपस (Lupus) के मरीजों की हार्ट अटैक, छाती में दर्द (Angina) और स्ट्रोक की बीमारी कम हुई।
रुमेटोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, नियमित व्यायाम करने से ऐसे मरीजों के दिल की मांसपेशियों में मजबूत आई।
वैज्ञानिकों ने एक्सरसाइज के ऐसे साकारात्मक प्रभाव दस अध्ययनों में शामिल रूमेटाइड अर्थराइटिस, ल्यूपस और स्पोंडिलोआर्थराइटिस जैसे विभिन्न रोगों से ग्रस्त 355 मरीजों का विश्लेषण करने के बाद बताए।
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सभी ने 12 सप्ताह तक पार्क में या ट्रेडमिल पर चलने, स्टेशनरी साइकिल, उच्च तीव्रता वाली ट्रेनिंग और वजन उठाने की एक्सरसाइज की।
परिणामों के विश्लेषण से पता चला कि ऐसी एक्सरसाइज से उनके दिल और ब्लड वेसल्स में काफी हद तक सुधार हुआ।
रूमेटाइड अर्थराइटिस के पीड़ितों में हार्ट अटैक का जोखिम स्वस्थ लोगों की तुलना में दोगुना होता है।
ल्यूपस या सोरियाटिक अर्थराइटिस वालों को दिल का दौरा, छाती में दर्द और स्ट्रोक होने की संभावना दोगुनी और पांच गुना अधिक होती है।
ऐसे में वैज्ञानिकों का सुझाव था कि इन बीमारियों के मरीजों को दिल की अच्छी सेहत के लिए एक्सरसाइज को ही ‘दवा’ समझना चाहिए।
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हालांकि, ऐसी धारणा से जुड़े पर्याप्त सबूतों के लिए अभी और अध्ययन की जरूरत पड़ेगी।
तो भी गठिया वालों को हफ्ते में पांच दिन 30 मिनट के लिए एरोबिक एक्सरसाइज के साथ-साथ मांसपेशियों की ताकत और संतुलन बनाए रखने वाली गतिविधियां करनी चाहिए।