Exercise Health Benefits: एक्सरसाइज करने से न केवल शरीर में बल्कि जीन के व्यवहार में भी बेहतर बदलाव आ सकते है। ये दावा है यूएस में जुड़वा इंसानों पर हुई एक नई स्टडी का।
साइंटिफिक रिपोर्ट्स में छपी वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी की स्टडी में, अधिक एक्टिव जुड़वा (Twins) भाई या बहन में मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic syndrome) के लक्षण कम थे।
यही नहीं, एक्सरसाइज करने से हुए सकारात्मक प्रभाव उनकी जीन अभिव्यक्ति (Gene expression) में अंतर के साथ भी जुड़े हुए थे।
ऐसे इंसानों में एपिजेनेटिक (Epigenetic) स्थिति से जुड़े मेटाबॉलिक सिंड्रोम के लक्षण कम थे। यह सिंड्रोम हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज से संबंधित है।
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भले ही जुड़वा लोगों के जीन एक जैसे हो लेकिन स्टडी में मेटाबॉलिक सिंड्रोम आनुवंशिकी के विपरीत बाहरी वातावरण से ज़्यादा प्रभावित पाया गया।
स्टडी के नतीजों में एक एक्टिव जुड़वा स्त्री/पुरुष अपने कम एक्टिव भाई या बहन की तुलना में अधिक स्वस्थ देखा गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, अभी तक एक्सरसाइज केवल मोटापे को कम करने में मददगार मानी जाती थी।
लेकिन एपिजेनेटिक्स के माध्यम से एक्सरसाइज रोग पैदा करने वाली बहुत सी कोशिकाओं को भी निष्प्रभावी करती है।
स्टडी में शामिल 70 जुड़वा पुरुषों और महिलाओं की फिजिकल एक्टिविटी और खान-पान से उनकी कमर तथा बॉडी मास इंडेक्स को मापा गया।
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इसके अलावा, उनके स्वैब सैंपल के विश्लेषण से एपिजेनेटिक अंतर को भी जाना गया।
पिछले अध्ययनों में वैज्ञानिको ने अधिकांश जुड़वा बच्चों के बड़े होने पर एक ही जीन के बावजूद उनमें अलग-अलग बीमारियाँ होते देखी थी।
नतीजों को देखने के बाद इसका कारण एपिजेनेटिक्स में होने वाले बदलावों को माना जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय में यदि आनुवंशिकी और डीएनए ही जीवों को नियंत्रित करते है तो जुड़वा लोगों को अनिवार्य रूप से समान बीमारियां होनी चाहिए।
लेकिन स्टडी के नतीजे बाहरी वातावरण के प्रभावों को ही जुड़वा इंसानों में विभिन्न बीमारियों के विकास का दोषी ठहराते है।
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