Exercise effects on unhealthy sleep: बहुत कम या ज़्यादा सोने से आयु घटने लगती है, लेकिन अब चीन के वैज्ञानिकों ने एक आसान बचाव खोजा है।
उन्होंने प्रतिदिन एक्सरसाइज करने से नींद-संबंधी कुछ नकारात्मक प्रभावों का कम होना पाया है।
इस बारे में 90,000 से अधिक 62 वर्षीय पुरुषों और महिलाओं पर हुई स्टडी से ख़ुलासा हुआ है।
यूरोपीय जर्नल ऑफ़ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित स्टडी ने ज़्यादा एक्सरसाइज से कम या लंबी नींद के मृत्यु-जोखिम को कमजोर जाना है।
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एक्सीलेरोमीटर डिवाइस से मृत्यु दर जोखिम पर एक्सरसाइज और नींद के संयुक्त प्रभावों को जांचने वाला यह पहला अध्ययन था।
इसमें यूके बायोबैंक के 40 से 73 वर्ष की आयु के 92,221 स्त्री-पुरुष शामिल थे।
उन्होंने साल 2013 और 2015 के बीच एक सप्ताह के लिए एक्सेलेरोमीटर रिस्टबैंड पहना था।
प्रति रात नींद की छोटी अवधि को छह घंटे से कम, सामान्य को छह से आठ घंटे और लंबी आठ घंटे से अधिक के रूप में बताई गई।
एक्सरसाइज में कमी, मध्यम और अधिकता की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों पर आधारित थी।
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संगठन ने सेहत के लिए हफ्ते में पांच दिन 30 मिनट की मध्यम या 15 से 20 मिनट की कड़ी एक्सरसाइज फ़ायदेमंद कही है।
सात वर्षों की जांच-पड़ताल के दौरान, 3,080 इंसानों की मौत हुई। इनमें हृदय रोग से 1,074 और कैंसर से 1,871 मृतक थे।
सभी कारणों या हृदय रोग और कैंसर से हुई मौतों का ब्यौरा मृत्यु रजिस्ट्रियों से एकत्र किया गया था।
अधिक एक्सरसाइज यानी हफ्ते के पांच दिन 30 मिनट या ज़्यादा से नींद की अवधि मृत्यु के जोखिम से जुड़ी नहीं थी।
लेकिन कम एक्सरसाइज करने वालों की छोटी और लंबी नींद क्रमशः 16% और 37% सभी कारणों के मृत्यु जोखिमों से जुड़ी थी।
मध्यम मात्रा में एक्सरसाइज करने वालों को छोटी नींद से नुकसान था। इससे उनकी सर्व-कारण मृत्यु की संभावना 41% बढ़ गई थी।
कम एक्सरसाइज से छोटी नींद वालों को कार्डियोवैस्कुलर मौत का 69% अधिक जोखिम था। हालांकि, एक्सरसाइज समय बढ़ाते ही यह ख़तरा गायब हो गया।
कैंसर से होने वाली मौतों में कम एक्सरसाइज से लंबी नींद वालों को 21% ख़तरा बढ़ा हुआ था। यह ख़तरा भी एक्सरसाइज की अधिकता के साथ गायब हो गया।
कुल मिलाकर, रोज़ाना 30 से लेकर 20 मिनट तक की एक्सरसाइज नींद में उतार-चढ़ाव से उत्पन्न मौत के खतरे को कम करती पाई गई।
स्टडी के विशेषज्ञों ने विशेषकर बढ़ती उम्र में नींद की अवधि के हानिकारक प्रभावों से पैदा मौत के ख़तरे को क्षीण करने के लिए एक्सरसाइज को जीवनरक्षक बताया।