शारीरिक तकलीफों को दर्द निवारक (painkillers) दवाओं के बजाय एक्सरसाइज (exercise) से ठीक करना चाहिए, ये सलाह है इंग्लैंड के स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी संस्था की।
इंग्लैंड के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सिलेंस (NICE) ने, जोड़ों (joints) और मांसपेशियों (muscles) की सालों पुरानी तकलीफों (chronic pain) से छुटकारा पाने के लिए, दवाओं के बजाए शारीरिक गतिविधियों, एक्यूपंक्चर और मनोचिकित्सा इलाज को ज्यादा अपनाने की सलाह दी है।
सेहत और सामाजिक देखभाल मामलों में मार्गदर्शन और सलाह देने वाली संस्था को उम्मीद है कि इन तरीकों से जुड़े दिशानिर्देशों का चिकित्सा जगत द्वारा स्वेच्छा से अनुसरण किया जाएगा।
अक्सर लोग जोड़ों और मांसपेशियों की तकलीफों को दूर करने के लिए दवाओं पर ही ज्यादा निर्भर रहते है। हालांकि, दवाएं दर्द को कुछ कम तो कर सकती है, लेकिन असल जड़ को ख़त्म नहीं करती।
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विशेषज्ञों के अनुसार, चलना-फिरना या सीढ़ियां चढ़ना-उतरना जोड़ों के दर्द वालों के लिए अच्छी गतिविधियां है।
हमारे जोड़ गतिशील रहने के लिए ही बने है। अगर हम ऐसा नहीं करते तो समय बीतने पर वे सख्त और दर्दनाक हो जाएंगे। साथ ही, उन्हें गतिशील रखने वाली मांसपेशियां भी कमजोर पड़ जाएंगी।
एक्सरसाइज जोड़ों को गतिमान रखती है, मांसपेशियों को मजबूती देती है और लोगों को सक्रिय रहने में मदद कर उनकी सेहत में सुधार करती है।
इस संदर्भ में लंदन के किंग्स्टन और सेंट जॉर्ज विश्वविद्यालयों के स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा कूल्हे और घुटने के दर्द से प्रभावित लोगों के लिए चलाए गए एक विशेष कार्यक्रम में लगभग 20,000 लोगों को एक्सरसाइज करने से राहत मिली।
नियमित एक्सरसाइज से न केवल उनका दर्द, बल्कि स्वास्थ्य पर होने वाले इलाज के खर्चे भी कम हुए।
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स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों की सराहना करते हुए कार्यक्रम के विशेषज्ञों का कहना था कि अन्यों को भी अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक्सरसाइज के महत्व को समझना होगा।
सही तरीके से एक्सरसाइज कर दवाओं के बिना भी सुरक्षित रहा जा सकता है।
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