किडनी की बीमारी वालों को अपने दैनिक जीवन में कुछ शारीरिक गतिविधियों को जरूर शामिल करना चाहिए।
हाल के एक अध्ययन में देखा गया कि दिल की कम समस्याओं वाले एक्टिव लोगों में गुर्दे की बीमारी (kidney disease) बढ़ने की संभावना कम थी।
इस बीमारी के रोगियों में शारीरिक गतिविधि (physical activity) से हुए लाभ बताने वाला यह पहला अध्ययन यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ईएससी) के एक जर्नल में प्रकाशित हुआ।
अध्ययन में खोजकर्ताओं ने हर हफ्ते 150 मिनट चलने या कम से कम 75 मिनट तेजी से टहलने वाले किडनी के मरीजों को लगभग दो वर्षों तक निगरानी के बाद अच्छी सेहत में पाया। यही नहीं, उनकी सेहत पर एक्सरसाइज करने के अच्छे प्रभाव आगे भी बने रहे।
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दरअसल एक बार किडनी की बीमारी बढ़ने पर इसके मरीजों को सामान्य लोगों की अपेक्षा दिल की बीमारियों से मौत का जोखिम 10-20 गुना अधिक होता है।
अध्ययन में साल 2004 से 2017 के बीच पुरानी किडनी की बीमारी वाले 4,508 मरीजों को शामिल किया गया जो डायलिसिस पर नहीं थे। इनमें से कुल 1,915 मरीज ज्यादा एक्टिव थे, 879 कम-एक्टिव थे और 1,714 सुस्त थे।
686 दिनों के दौरान 739 रोगियों की मृत्यु हो गई, 1,059 को किडनी फेलियर झेलना पड़ा और 521 में दिल का दौरा, स्ट्रोक, हृदय की विफलता के लिए अस्पताल में भर्ती होना या हृदय रोग से मृत्यु जैसी घटनाएं देखी गई।
लेकिन अत्यधिक एक्टिव मरीजों में ऐसी घटनाएं सबसे कम सामने आई।
सुस्त मरीजों की तुलना में, अत्यधिक एक्टिव मरीजों को मृत्यु की 38 प्रतिशत, किडनी फेलियर की 17 प्रतिशत और कार्डियोवैस्कुलर घटनाओं की 37 प्रतिशत कम आशंका थी।
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हालांकि खोजकर्ताओं की चेतावनी थी कि एक्सरसाइज की अति गुर्दे की बीमारी वाले लोगों में अनियमित दिल की धड़कन (arrhythmias) कर सकती है, इसलिए उन्हें बहुत उच्च स्तर की एक्सरसाइज से बचना चाहिए।
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