Exercise in cancer: एक्सरसाइज कैंसर के खतरे और उपचार के दुष्प्रभावों को कम करती है।
इसके अलावा, एक्सरसाइज से कैंसर लक्षणों और रोगियों की हालत में सुधार भी संभव है।
इस बारे में हुई फ़िनलैंड की दो स्टडीज़ ने और भी मजबूत सबूत पेश किए है।
नतीजों में 10 मिनट की एक्सरसाइज से रोगियों के खून में कैंसर मारने वाली इम्यून सेल्स (Immune cells) की वृद्धि मिली है।
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ग़ौरतलब है कि कैंसर उपचार से इम्यून सेल्स की संख्या कम होने लगती है। इससे इम्यून सिस्टम कमज़ोर पड़ जाता है।
लेकिन एक्सरसाइज द्वारा मरीज़ के कमज़ोर होते इम्यून सिस्टम को फिर से मजबूत किया जा सकता है।
यह देखते हुए विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य सुधार के लिए कैंसर रोगियों को थोड़ी देर की एक्सरसाइज ज़रूरी कही है।
फ़िनलैंड की एक यूनिवर्सिटी द्वारा की गई दोनों स्टडीज़ में लिंफोमा और स्तन कैंसर (Breast cancer) के 28 रोगी शामिल थे।
लिंफोमा रोगियों की आयु 20 से 69 वर्ष और स्तन कैंसर रोगियों की आयु 37 से 73 वर्ष के बीच थी।
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स्टडीज़ के दौरान, मरीजों ने 10 मिनट की सायकिलिंग की। एक्सरसाइज से पहले और बाद में उनके ब्लड सैंपल लिए गए।
एक्सरसाइज के बाद मरीज़ों के खून में कैंसर सेल्स मारने वाली साइटोटॉक्सिक टी लिम्फोसाइट्स की संख्या बढ़ी हुई थी।
जितना अधिक रोगियों की हृदय गति और ब्लड प्रेशर में वृद्धि हुई, उतनी ही ज़्यादा इम्यून सेल्स खून में पाई गई।
हालांकि, एक्सरसाइज के बाद अधिकांश रोगियों में साइटोटॉक्सिक सेल्स की संख्या सामान्य स्तर पर लौट आई।
फ़िलहाल कैंसर उपचार प्राप्त मरीज़ों को इम्यून सेल्स बढ़ाने के लिए 10 मिनट साइकिल या पैदल चलना ही पर्याप्त कहा गया है।
एक्सरसाइज से पैदा इम्यून सेल्स ट्यूमर तक जाकर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकती हैं या नहीं, यह आगे खोज का विषय है।
ये स्टडीज़ फ्रंटियर्स इन फिजियोलॉजी – क्लिनिकल एंड ट्रांसलेशनल फिजियोलॉजी और साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुई थी।
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