Postpartum exercise: केवल एक्सरसाइज करने से ही नई बनी माताओं की चिंता, बेचैनी और डिप्रेशन कम हो सकते है।
यह ताजा जानकारी कनाडा के हेल्थ रिसर्चर्स की एक नई स्टडी से मिली है।
स्टडी डिलीवरी के बाद की एक्सरसाइज और माताओं की खराब मनोदशा पर हुए 35 अध्ययनों का विश्लेषण है।
विश्लेषण में डिलीवरी के बाद एक्सरसाइज से पोस्टपार्टम डिप्रेशन (postpartum depression) और चिंता लक्षणों में भारी कमी मिली है।
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लेकिन महत्वपूर्ण लाभ कम से कम 80 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली कसरत से ही मिलने की संभावना है।
ऐसी एक्सरसाइज में तेज चलना, पानी में एरोबिक्स, स्टेशनरी साइकिल या हल्की वेट ट्रेनिंग शामिल थी।
गौरतलब है कि डिलीवरी के बाद माताओं में पोस्टपार्टम डिप्रेशन और चिंता दिखाना आम बात है।
शिशु जन्म के बाद हुए डिप्रेशन और चिंता के उपचार में दवाएं और काउंसलिंग शामिल होते हैं।
हालांकि, डिप्रेशन दवाओं के अनावश्यक खर्च सहित साइड इफेक्ट्स भी हो सकते है।
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रिसर्चर्स ने सरल और सस्ते उपाय के लिए ऐसी स्टडीज चुनी जिनमें 14 देशों की 4072 माताएं शामिल थी।
उन्होंने एक्सरसाइज न करने की अपेक्षा केवल एक्सरसाइज से ही शिशु जन्म के बाद हुए डिप्रेशन और चिंता में कमी पाई।
एक्सरसाइज करने वाली माताओं में डिप्रेशन और चिंता के कम गंभीर लक्षण थे। पोस्टपार्टम डिप्रेशन का डर भी लगभग आधा (45%) था।
एक्सरसाइज जितनी अधिक की गई, डिप्रेशन लक्षणों की गंभीरता में उतनी ही अधिक कमी देखने को मिली।
सकारात्मक प्रभावों के लिए कम से कम 4 दिनों में 20 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली एक्सरसाइज फायदेमंद थी।
लेकिन एक्सरसाइज करने से डिप्रेशन और चिंता में कमी किस शारीरिक तंत्र से हुई, यह स्पष्ट नहीं हो पाया।
कुल मिलाकर, रिसर्चर्स ने डिलीवरी के बाद हुए चिंता और डिप्रेशन घटाने में एक्सरसाइज को लाभकारी माना।
जन्म देने के बाद पहले तीन महीनों के भीतर एक्सरसाइज करने से प्रसवोत्तर मानसिक स्वास्थ्य सुधरने की प्रबल संभावना थी।
अधिक जानकारी ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ स्पोर्ट्स मेडिसिन में छपी रिपोर्ट से मिल सकती है।
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